महाराष्ट्र में तीन सौ करोड़ की ड्रग्स के फरार अभियुक्त नेपाल भागते समय गिरफ्तार

डीएन ब्यूरो

नासिक में बरामद 150 किलो एमडी (ड्रग्स) के मामले में फरार चल रहे दो अभियुक्तों को नेपाल भागते समय पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक ड्रग्स की बाजार कीमत तीन सौ करोड़ है। पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर



नई दिल्ली: नासिक में बरामद 150 किलो एमडी (ड्रग्स) के मामले में फरार चल रहे दो अभियुक्तों को नेपाल भागते समय पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक ड्रग्स की बाजार कीमत तीन सौ करोड़ है। यूपी एसटीएफ ने महाराष्ट्र की पुणे क्राइम ब्रान्च पुलिस के साथ संयुक्त अभियान में इन दोनों अपराधियों को गिरफ्तार किया है।

यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि इन दोनों को यूपी के बाराबंकी जिले में थाना कोतवाली नगर, बहराइच मोड़ पर मंगलवार को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार अभियुक्तों का नाम अभिषेक बालकवड़े पुत्र बिलास बलकवडे, नासिक तथा भूषण पाटिल पुत्र अनिल पाटिल, नासिक है। इनके पास से 6 अदद एटीएम कार्ड, मोबाइल फोन और 2100 नकद मिले हैं।

क्राइम ब्रांच पुणे के सहायक पुलिस आयुक्तसुनील ताम्बे ने बताया कि महाराष्ट्र में विगत दिनों हुयी 150 किलो एमडी (ड्रग्स) अनुमानित मूल्य तीन सौ करोड़ की बरामदगी से सम्बंधित मुख्य आरोपी जनपद लखनऊ में मौजूद हैं व नेपाल भागने की फ़िराक मे हैं। दोनों अभियुक्त पुणे व नासिक के कई अन्य मादक पदार्थ तस्करी के अभियोगों में वांछित हैं। इनके द्वारा षडयंत्र करके महाराष्ट्र के सबसे बड़े ड्रग माफिया ललित पाटिल को पुलिस हिरासत से दो अक्टूबर को फरार भी कराया गया है।

इसके बाद धर्मेश कुमार शाही, डिप्टी एसपी, एसटीएफ, लखनऊ की टीम ने पुणे क्राइम ब्रांच पुलिस के साथ संयुक्त अभियान में इन दोनों को गिरफ्तार किया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक गिरफ्तार अभियुक्त ने पूछताछ पर बताया कि भूषण पाटिल, ड्रग माफिया ललित पाटिल का सगा छोटा भाई है व अभिषेक बालकवड़े ललित पाटिल के ड्रग्स नेटवर्क का मुख्य प्रबंधक है।

दोनों ने बताया कि वे ललित पाटिल के साथ वर्ष 2014 से पब बार व रेव पार्टियों में प्रयोग की जाने वाली प्रतिबंधित एमडी (ड्रग) का निर्माण कर रहे थे। इस कार्य के लिए पहले औरंगाबाद में फिर पुणे व नासिक में इन लोगों के द्वारा कारखाना लगाया गया था। वर्ष 2020 में ललित पाटिल के गिरफ्तार होने के बाद ललित के ही इशारे पर उसके भाई भूषण पाटिल व प्रबंधक अभिषेक बालकवड़े द्वारा पूरे गिरोह की कमान संभाल ली गयी।

4 अगस्त को मुम्बई में 150 किलो एमडी ड्रग की रिकवरी में ललित पाटिल व गिरोह के अन्य सदस्यों का नाम आने के उपरान्त भूषण और अभिषेक ने षडयंत्र करके ललित पाटिल को पुलिस हिरासत से फरार करवा दिया गया।

इन दोनों को एमडी (ड्रग) बनाने के लिए कच्चा माल नासिक जिले के शिवजी शिंदे द्वारा दिया जाता है तथा वह एक किलो एमडी (ड्रग) ललित के तय खरीदारों को डेढ़ करोड़ रूपए प्रति किलो के मूल्य से बेचते थे तथा कमाये हुए पैसे को मुम्बई के अभिजीत नामक सुनार से सोने में परिवर्तित करवा देते थे।

इसके लिए उनके द्वारा पिछले 10 महीने में 8 किलो सोना खरीदा गया है तथा महाराष्ट्र में ही भिन्न भिन्न स्थानों पर छुपा कर रखा गया है। ललित के ही कहने पर वे नेपाल भागने की फिराक में थे। यूपी एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार अभियुक्तों को पुणे क्राइम ब्रांच के सहायक पुलिस आयुक्त की टीम के सुपुर्द कर दिया गया।










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