आप सांसद सुशील गुप्ता का ऐलान- रविवार को आम आदमी पार्टी घेरेगी खट्टर सरकार को

डीएन ब्यूरो

हरियाणा में किसानों को एमएसपी तक नहीं मिल रही है। हमारी पार्टी किसानों पर हुए लाठीचार्ज की कड़ी निंदा करती है। यह कहना है आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील गुप्ता का। पूरी खबर:

आप सांसद सुशील गुप्ता
आप सांसद सुशील गुप्ता


चंडीगढ़: राज्य सभा सांसद एवं आम आदमी पार्टी हरियाणा के सहप्रभारी डॉ सुशील गुप्ता ने कहा है कि किसानों के लिए सीधे सीधे मौत का फरमान बने कृषि से सबंधित तीनों कानूनों को वापिस लेने, पीपली तथा सिरसा में किसानों पर पर लाठी चार्ज करने, धान, बाजरा तथा मक्का की फसल को सरकार द्वारा तो खरीदना तथा ही न्यूनतम समर्थन देने के खिलाफ आम आदमी पार्टी 11 अक्टूबर को सुबह 11 बजे करनाल स्थित मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के आवास का घेराव करेगी। जिसमें गुप्ता ने बताया कि सरकार ने जीरी का एमएसपी 1888 रूपये निर्धारित किया हुआ है लेकिन किसान को 1700 रूपये भी नहीं मिल रहे हैं। इसी तरह कपास का एमएसपी 5515 निर्धारित है लेकिन किसान कपास को 3700 रूपये में बेचने को मजबूर है। बाजरे के एमएसपी 2150 रूपये निर्धारित है लेकिन किसान इसे 1250 रूपये एक बेचने के लिए मजबूर हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की नीयत का फर्दा फास हो गया है की इन कानूनों में न्यूनतम समर्थन मूल्य देने तथा उसकी उलंघना करने पर दण्ड का प्रावधान क्यों नहीं किया था।

प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार पर निशाना साधते हुए गुप्ता ने कहा कि हरियाणा में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है पूरी तरह जंगल राज फैला हुआ है जिसका ताजा ताजा प्रमाण भाटला-महजत रोड पर बदमाशों द्वारा फैक्ट्री मालिक से 11 लाख लूट कर तथा उसे कार में बिठा कर जिन्दा जलाये जाने की घटना है जिसकी जितनी भी निंदा की जाए उतनी ही कम है। उन्होंने कहा कि इस वीभत्स घटना ने देश के लोगों को झकझोर दिया है। उन्होंने पूछा है कि सुसाशन का राज देने का दम भरने वाली सरकार आखिर कहाँ है,की प्रदेश में लोगों की जान व् माल लूटी जा रही है और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है।

हरियाणा एवं पंजाब दोनों ही राज्यों में पिछले सात दशक से मंडी बोर्ड सिस्टम के जरिये खरीद प्रणाली जारी है और यह सफलता से चल रही है। हरियाणा में राज्य कृषि विपणन मंडल अनाज मंडियों में किसानों की फसल आढ़तियों के जरिये न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की प्रक्रीया को हेंडल करता है। अकेले हरियाणा प्रदेश में करीब 113 अनाज मंडियां,168 सब यार्ड एवं 196 खरीद केंद्र हैं। हरियाणा में लगभग 25 हजार आढ़ती हैं जबकि करीब 16-17 लाख किसान परिवार हैं। मंडी सिस्टम से करीब ढाई लाख मजदूर परिवार भी इससे जुड़े हैं तो केंद्र सरकार इन काले बिलों को लाकर इन लाखों लोगों का मुहं का निवाला क्यों छीन रही है?

प्रेस वार्ता में बी के कौशिक संयोजक उतरी हरियाणा, कृष्णा अग्रवाल वरिष्ठ उपाध्यक्ष मध्य हरियाणा, सुखवीर चहल संगठन मंत्री उतरी हरियाणा, सुरेन्द्र राठी संयोजक जिला पंकचुला मौजूद रहे।










संबंधित समाचार