नामीबिया के 8 चीतों की भारत में उछल-कूद, PM मोदी ने चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा, जानिये इस उद्यान की खास बातें
नामीबिया की राजधानी होसिया से मॉडिफाइड बोइंग 747 विमान से लाए गए 8 चीते भारत पहुंच चुके हैं। जन्मदिन पर पीएम मोदी द्वारा इन चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा जा रहा है। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में जानिये इस नेशनल पार्क की खास बातें
नई दिल्ली: भारत में 70 साल बाद विदेश से चीते लाये गये हैं। नामीबिया की राजधानी होसिया से मॉडिफाइड बोइंग 747 विमान से लाए गए 8 चीते भारत पहुंच चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन के मौके पर इन चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क के विशेष बाड़ों छोड़ा गया।
इन चीतों में रेडियो कॉलर लगे हुए हैं। बता दें कि कोरिया में लगभग 70 साल पहले मूल एशियाई चीता को आखिरी बार देखा गया था।
डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में जानिये कूनो नेशनल पार्क से जुड़ी कुछ खास बातें।
1) कूनो राष्ट्रीय उद्यान भारत के मध्य प्रदेश राज्य में एक संरक्षित क्षेत्र है जिसे सन् 2018 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया था। इसकी स्थापना सन् 1981 को एक वन्य अभयारण्य के रूप में की गई थी। यह राज्य के श्योपुर और मुरैना ज़िलों पर विस्तारित है।
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2) यह नेशनल पार्क विशाल वन मंडल के 748 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। कूनो पालपुर नेशनल पार्क अब इन आठ अफ्रीकी चीतों का नया घर भी होगा।
3) कूनो नेशनल पार्क में पहले करीब 24 गांव थे, जिन्हें समय रहते दूसरी जगहों पर शिफ्ट कर दिया गया। इन्हें कूनो नेशनल पार्क के 748 वर्ग किलोमीटर के पूर्ण संरक्षित इलाके की सीमा से बाहर भेज दिया गया।
4) मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में बना कूनो राष्ट्रीय उद्यान को चीतों के लिए सबसे सही और सुरक्षित जगह माना गया है। इसके लिये देश के कई राज्यों और नेशनल पार्क का 2021 और 2012 में सर्वेक्षण किया गया, जिसके बाद कूनो को बेहद उपयुक्त माना गया।
5) कूनो राष्ट्रीय उद्यान को भारतीय वन्यजीव संस्थान और भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट (WTI) ने जलवायु चर, शिकार घनत्व, प्रतिस्पर्धी शिकारियों की आबादी और ऐतिहासिक सीमा के आधार पर किए गए आकलन के आधार पर चीतों के लिए सबसे सही स्थान माना।
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6) नेशनल पार्क का क्षेत्र छत्तीसगढ़ के कोरिया के साल के जंगलों से मिलता जुलता है। यहां कोई इंसानी बस्ती या गांव नहीं है और न ही खेती-बाड़ी।
7) कूनो नेशनल पार्क में सबसे ज्यादा चीतल मिलते हैं, जिनका शिकार करना चीतों को पसंद आएगा। चीतल, हिरण की प्रजाति चीता, बाघ और शेरों के लिए बेस्ट माना जाता है।
8) साल 2009 में, कुनो वन्यजीव अभयारण्य को भी भारत में चीता के पुनरुत्पादन के लिए एक संभावित स्थल के रूप में प्रस्तावित किया गया था।
9) दिसंबर 2018 में राज्य सरकार ने वन्यजीव अभयारण्य की स्थिति को कुनो राष्ट्रीय उद्यान में बदल दिया और संरक्षित क्षेत्र को 413 किमी 2 (159 वर्ग मील) तक बढ़ा दिया।