महाकुंभ में भगदड़ के बाद 5 अहम बदलाव, जानिए क्या होंगी व्यवस्था
महाकुंभ मेले में अचानक मची भगदड़ ने एक रौद्र रूप ले लिया है। इस हादसे के बाद सरकार ने कुछ बदलावों का एलान किया है। डाइनामाइट न्यूज़ में पढ़िए पूरी जानकारी
प्रयागराज: महाकुंभ 2025 में हुए एक बड़े हादसे के बाद, जहां भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हुई और कई लोग घायल हुए, प्रशासन ने मेला क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य भविष्य में ऐसे हादसों से बचना और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
क्षेत्र नो-व्हीकल जोन घोषणा
पहला और सबसे अहम कदम मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित करना है। इसके तहत, मेला क्षेत्र के भीतर किसी भी प्रकार के वाहन की एंट्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इससे न केवल श्रद्धालुओं की सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि भीड़ नियंत्रण में भी मदद मिलेगी। अब वाहन केवल निर्धारित पार्किंग स्थलों पर ही खड़े किए जा सकेंगे, और मेला क्षेत्र में पैदल यात्री ही प्रवेश कर सकेंगे।
मेला क्षेत्र पूरी तरह नो-व्हीकल जोन सभी प्रकार के वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा।
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VVIP पास हुए रद्द- किसी भी विशेष पास के जरिए वाहन को प्रवेश नहीं मिलेगा।
रास्ते किए गए वन-वे- श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन के लिए एक तरफा मार्ग व्यवस्था लागू की गई।
वाहनों की एंट्री पर- रोक प्रयागराज से सटे जिलों से आने वाले वाहनों को जिले की सीमा पर रोका जा रहा है।
4 फरवरी तक सख्त प्रतिबंध- शहर में चार पहिया वाहनों की एंट्री पर पूरी तरह से रोक रहेगी।
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अन्य सुरक्षा उपायों की घोषणा
इसके अलावा, प्रशासन ने कई अन्य सुरक्षा उपायों की घोषणा की है। जिसमें प्रमुख हैं- बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती, सुरक्षा कैमरों की संख्या में वृद्धि, और चिकित्सीय सुविधाओं को बेहतर बनाना। इसके साथ ही, भीड़ को नियंत्रित करने के लिए नए रास्ते और प्लेटफॉर्म बनाए जाएंगे, ताकि लोगों की आवाजाही में कोई अवरोध न हो।
दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को देखते हुए, इस तरह के बदलावों से सुरक्षा बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें ताकि महाकुंभ का आयोजन शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से हो सके।