इस राज्य में बनेगे 3डी सिटी मॉडल के साथ ये चार शहर, पढ़ें पूरी अपडेट

डीएन ब्यूरो

राजस्‍थान के जोधपुर, उदयपुर, कोटा और अजमेर शहरों के जियोग्राफिक इंफार्मेशन सिस्टम (जीआईएस) आधारित 3डी सिटी मॉडल विकसित किए जाएंगे। राज्‍य सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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जयपुर: राजस्‍थान के जोधपुर, उदयपुर, कोटा और अजमेर शहरों के जियोग्राफिक इंफार्मेशन सिस्टम (जीआईएस) आधारित 3डी सिटी मॉडल विकसित किए जाएंगे। राज्‍य सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है।

एक सरकारी बयान के अनुसार, राज्य सरकार द्वारा शहरों के विकास की योजना एवं प्रबंधन के लिए प्रदेश के जोधपुर, उदयपुर, कोटा और अजमेर शहरों के जीआईएस आधारित 3डी सिटी मॉडल विकसित किए जाएंगे।

बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इन चार शहरों में जीआईएस आधारित 3डी सिटी और राजधरा सेटेलाइट इमेजरी रिपोजिटरी परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए 106.46 करोड़ रुपये के वित्तीय प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

बयान के मुताबिक, इससे शहरों के मास्टर प्लान में लैंड यूज प्रस्तावित करना, नयी सड़कों, फ्लाईओवर, नयी कॉलोनियों के निर्माण व विस्तार, ड्रेनेज प्लान सहित विभिन्न कार्यों को धरातल पर उतारने, बड़े पैमाने पर आधारभूत ढांचे के विकास, परिवहन योजना, भूमि नियोजन, नगर नियोजन आदि के प्रभावी आकलन, एवं योजना बनाने में आसानी होगी।

बयान के अनुसार, विकसित 3डी मॉडल से ऑगमेंटेड रियलिटी/वर्चुअल रियलिटी के जरिये शहर का वर्चुअल टूर (घर बैठे दौरा) भी किया जा सकेगा।

बयान में कहा गया है कि इसके अलावा, राजधरा प्लेटफॉर्म पर राजस्थान की विभिन्न समयावधि की सेटेलाइट इमेजरी की 'रिपोजिटरी' भी स्थापित की जाएगी। इससे विभिन्न विभागों की आवश्यकताओं के अनुसार जलाशयों/जल स्रोतों एवं वनिय क्षेत्रों में परिवर्तन, फसल उपज अनुमान, शहरों के विकास एवं फैलाव आदि के विश्लेषण में आसानी होगी।

बयान के मुताबिक, एक अन्‍य फैसले के तहत राज्‍य में ‘इको-टूरिज्म’ को बढ़ावा देने के लिए सभी जिलों में लव-कुश वाटिकाएं विकसित की जाएंगी, जिसके लिए 66 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। इन वाटिकाओं में वन एवं वन्यजीवों से संबंधित मॉडल स्थापित होंगे, जिनसे बच्चों को पर्यावरण व वन्यजीव संरक्षण की शिक्षा मिल सकेगी।

बयान के अनुसार, लव-कुश वाटिका में इको-ट्रेल पथों का निर्माण और प्रदर्शनी के लिए जगह बनाई जाएगी। इन वाटिकाओं का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के प्रति आमजन को शिक्षित एवं जागरूक करना है।










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