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संजू सैमसन ने भारतीय टीम में अपनी चुनौतियों और अंदर की राजनीति पर खुलकर बात की। बेंच पर बैठने के बावजूद धैर्य बनाए रखने और मौके का इंतजार करने वाले संजू ने अहमदाबाद में खेलने का मौका पाकर अपने खेल और मानसिक मजबूती का प्रदर्शन किया।
संजू सैमसन (Img: Internet)
New Delhi: विकेटकीपर-बल्लेबाज संजू सैमसन ने आखिरकार भारतीय टीम के अंदर की राजनीति और अपनी चुनौतियों पर खुलकर बात की है। संजू का नाम हमेशा टीम इंडिया में चर्चा का विषय रहा है, लेकिन अधिकतर उनके प्रदर्शन से नहीं बल्कि टीम में चयन और प्लेइंग इलेवन में शामिल होने के निर्णय को लेकर सवाल उठते रहे हैं।
साउथ अफ्रीका के खिलाफ पांच मैचों की T20 सीरीज़ के लिए संजू सैमसन को स्क्वाड में शामिल किया गया था। हालांकि, उन्हें चार मैचों तक बेंच पर बैठना पड़ा। यही नहीं, मौजूदा भारतीय टीम में संजू के लिए उपयुक्त जगह बनाना आसान नहीं रहा। उनके खेल को लेकर हमेशा चर्चा रही है, लेकिन टीम मैनेजमेंट और चयन प्रक्रिया के चलते उन्हें लगातार मौके नहीं मिले।
अहमदाबाद में खेले गए पांचवें T20 मैच में संजू सैमसन को आखिरकार खेलने का अवसर मिला। शुभमन गिल चोटिल होने के कारण बाहर हुए, जिससे संजू को पारी की शुरुआत करने का मौका मिला। उन्होंने 22 गेंदों में 37 रन बनाए, जिसमें 4 चौके और 2 छक्के शामिल थे। यह पारी उनकी क्षमता और धैर्य को दर्शाती है।
मैच के बाद, संजू सैमसन ने स्टार स्पोर्ट्स पर इरफान पठान का इंटरव्यू दिया। इंटरव्यू में संजू ने अपने अनुभव और टीम के अंदर की स्थिति के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि जब वह नहीं खेल रहे थे, तब उनका मुख्य काम ट्रेनिंग करना और अपने मौके का इंतजार करना था।
इरफान ने पूछा कि टीम मैनेजमेंट के साथ उनकी कम्युनिकेशन कैसी थी। इस पर संजू ने कहा कि टीम का माहौल बहुत ज़रूरी है, खासकर बड़े टूर्नामेंट से पहले। उन्होंने कहा कि वे सिस्टम और लीडरशिप ग्रुप के इरादों को समझते हैं और सूर्या और कोच गौतम गंभीर के साथ उनके संबंध अच्छे रहे।
जब इरफान ने पूछा कि क्या भविष्य में संजू लगातार पारी की शुरुआत करेंगे, तो संजू ने मुस्कुराते हुए हल्का जवाब दिया। उनका जवाब दर्शाता है कि टीम में स्थिति और चयन पर उनके नियंत्रण से परे कई मुद्दे हैं।
संजू सैमसन की बातचीत से स्पष्ट होता है कि इंडियन टीम में उन्हें अक्सर अन्याय और सीमित मौके मिलने की स्थिति का सामना करना पड़ता है। उन्होंने धैर्य और प्रोफेशनलिज़्म के साथ अपने मौके का इंतजार किया और मैदान पर प्रदर्शन करके खुद को साबित किया।