New Delhi: लोकसभा में हाल ही में ‘ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक’ पारित हो गया है, जिसका उद्देश्य ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर को विनियमित करना और असली पैसे से जुड़े गेम्स तथा सट्टेबाजी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाना है। यह कानून खासतौर पर डिजिटल गेमिंग क्षेत्र के लिए कानूनी ढांचा तैयार करेगा और खिलाड़ियों को संभावित खतरों से बचाने पर केंद्रित है। हालांकि, ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा, बशर्ते इसमें किसी तरह का असली पैसे का लेन-देन न हो। लेकिन, सबसे बड़ा सवाल ये भी है कि क्या इसका असर आईपीएल पर भी पड़ेगा?
ऑनलाइन गेमिंग पर बैन और सख्त नियम
विधेयक के तहत ऑनलाइन मनी गेमिंग की पेशकश या सुविधा प्रदान करने वालों को तीन साल तक की जेल या एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। यह कदम खासतौर पर युवा खिलाड़ियों की मानसिक और वित्तीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर उठाया गया है। सरकार का मानना है कि इससे ऑनलाइन सट्टेबाजी और मनी गेमिंग से जुड़ी समस्याओं को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकेगा। इसके बावजूद ई-स्पोर्ट्स और मनोरंजक सोशल गेमिंग को पूरी छूट मिलेगी।
क्रिकेट और ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर असर
भारत में क्रिकेट की लोकप्रियता को देखते हुए, ऑनलाइन गेमिंग विधेयक का क्रिकेट इंडस्ट्री पर भी असर पड़ने की संभावना है। रिपोर्टों के अनुसार, भारत में क्रिकेट से जुड़ी संस्थाओं और खिलाड़ियों के लिए प्रायोजन के अवसर कम नहीं होंगे, लेकिन व्यक्तिगत फैंटेसी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स के लिए नए नियम चुनौतियां ला सकते हैं।
यह सवाल उठ रहा है कि क्या ऐसे फैंटेसी गेमिंग ऐप्स जिनमें असली पैसे शामिल होते हैं, वे विज्ञापन जारी रख पाएंगे? और यदि खिलाड़ी किसी विज्ञापन के लिए भुगतान प्राप्त करते हैं तो वह पैसा कैसे ट्रैक होगा?
IPL और फैंटेसी गेमिंग पार्टनरशिप्स को होगा नुकसान!
वर्तमान में आईपीएल के फैंटेसी स्पोर्ट्स पार्टनर ‘ड्रीम11’ ने ‘माई11 सर्कल’ के साथ नया अनुबंध किया है। ड्रीम11 ने भारतीय क्रिकेट टीम की टाइटल स्पॉन्सरशिप करीब 358 करोड़ रुपये में हासिल की है, जबकि माई11 सर्कल ने पांच साल के लिए आईपीएल फैंटेसी गेमिंग अधिकार 628 करोड़ रुपये में खरीदे हैं।
इसके अलावा, भारत के कई शीर्ष क्रिकेटरों ने भी व्यक्तिगत रूप से ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स के साथ समझौते किए हैं। अब देखना होगा कि नए कानून के बाद ये साझेदारियां और निवेश कैसे प्रभावित होंगे।
क्या है विधेयक का उद्देश्य?
यह नया विधेयक ऑनलाइन गेमिंग उद्योग में स्पष्टता और नियंत्रण लाने का प्रयास है, ताकि युवाओं को ऑनलाइन सट्टेबाजी और गेमिंग से होने वाले संभावित नुकसान से बचाया जा सके। हालांकि, इसके प्रभाव क्रिकेट और उससे जुड़े फैंटेसी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर भी महसूस किए जाने की संभावना है। आने वाले समय में इस कानून के कार्यान्वयन और इसके प्रभावों पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।