लियोनेल मेसी के GOAT इंडिया टूर में हुई गड़बड़ी ने फैंस और फुटबॉल प्रेमियों को निराश किया। आयोजनों में खामियों और सियासी हस्तक्षेप ने न सिर्फ भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को प्रभावित किया, बल्कि इंडिया में फुटबॉल के प्रभाव को भी कम कर दिया है।

लियोनेल मेसी (Img: Internet)
New Delhi: फुटबॉल के बॉस कहें या लॉर्ड, लियोनेल मेसी की तुलना किसी से भी नहीं की जा सकती। वह ऐसे सितारे हैं जिन्हें कभी भूला नहीं जा सकता। उनका फैनबेस पूरी दुनिया में है और इसका एक शानदार नमूना उन्होंने भारत में भी देखा, जहां उनकी एक झलक पाने के लिए फैंस का सैलाब उमड़ पड़ा। लेकिन भारत के GOAT टूर में कुछ ऐसा हुआ, जिसने न सिर्फ देश की इंटरनेशनल छवि को नुकसान पहुंचाया, बल्कि भारत ने फुटबॉल को और फेमस करने का एक सुनहरा मौका भी गंवा दिया।
मेसी के इंडिया टूर के दौरान कुछ ऐसा हुआ जिसने खेल की महत्ता को नजरअंदाज कर दिया। यह साफ दिखा कि खेल को पूरी तरह मैदान तक सीमित रखने के बजाय मेसी के इवेंट को राजनैतिक खेल बना दिया। नतीजा यह हुआ कि फैंस भड़क गए और उन्होंने कुछ ऐसा कर दिया, जिससे भारत की छवि पर काफी प्रभाव पड़ा। भारत ने इस मौके पर फुटबॉल को बड़े स्तर पर प्रमोट करने का सुनहरा मौका गंवा दिया।
लियोनेल मेसी (Img: Internet)
लियोनेल मेसी का इंडिया टूर शुरुआत से ही फैंस के लिए उत्साहजनक था, लेकिन कोलकाता में जब मेसी सॉल्ट लेक स्टेडियम पहुंचे तब उन्हें कुछ राजनेताओं ने घेर लिए। अपने स्टार फुटबॉलर को ना देख पाने की वजह से फैंस का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उन्होंने मैदान पर बोतलें फेंकी और अपना आक्रोश जाहिर किया। नतीजा ये हुआ कि मेसी सॉल्ट लेक स्टेडियम में महज 20 मिनट की ठहर सके और वहीं से मेसी के इस टूर की सफलता पर सवालिया निशान लग गए।
हैदराबाद में मेसी का स्वागत बेहद शानदार और अनुशासित तरीके से हुआ, लेकिन कोलकाता, मुंबई और दिल्ली जैसे बड़े शहरों में ऐसा माहौल नहीं बन पाया। कोलकाता में जो हुआ सो हुआ ही, लेकिन जब मेसी मुंबई पहुंचे तो वहां अमृता फडणवीस ने मेसी के स्टारडम को च्युइंग गम की तहर चबा डाला। रही सही कसर उनके पति और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने फिल्म स्टार अजय देवगन और टाइगर श्रॉफ को बुलाकर और उन्हें शाल ओढ़ाकर पूरी कर दी। वहां जो कुछ भी हो रहा था उसकी प्रतिक्रिया लियोनेल मेसी के चेहरे पर साफ देखी जा सकती थी।
इसके बाद मेसी जब दिल्ली पहुंचे और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पोडियम पर उनका स्वागत करने पहुंची तब वहां मेसी-मेसी की जगह AQI-AQI के नारे लगने लगे। इसका असर मेसी पर क्या हुआ होगा समझा जा सकता है।
वहीं, कुछ लोगों का मानना ये भी था कि हैदराबाद में मेसी राहुल गांधी की वजह से ज्यादा खुश थे। क्योंकि, राहुल गांधी को मेसी की भाषा बोलनी आती है, तो वह उनसे काफी सारी बातें भी कर पा रहे थे, जिससे मेसी को अपनापन लग रहा था और वह कम्फर्टेबल भी महसूस कर रहे थे। उसके साथ ही तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी ने मेसी के साथ फुटबॉल खेलकर फुटबॉल के फेवर में माहौल बनाने का प्रयास भी किया।
इन तीन शहरों में जो हुआ उसने भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि पर भी असर डाला। मेसी जैसे बड़े नाम के टूर को लेकर विदेशी मीडिया और खेल जगत में आलोचना हुई, जिससे यह संकेत गया कि भारत में बड़े इंटरनेशनल स्पोर्ट्स इवेंट्स की तैयारी अभी भी चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
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मेसी के आगमन के साथ भारत में फुटबॉल को और लोकप्रिय बनाने का सुनहरा मौका था। लेकिन ऑर्गनाइज़र की खामियों और सियासी गतिविधियों ने इस अवसर को खाक में मिला दिया। फैंस और युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करने का यह मौका अधूरा रह गया और फुटबॉल के क्रेज को बढ़ावा देने का मौका हाथ से निकल गया।
इन घटनाओं के बाद यह सवाल उठता है कि क्या भविष्य में कोई अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल स्टार भारत आने के लिए उत्साहित होगा? अगर आयोजन और सुरक्षा में सुधार नहीं किया गया, तो बड़े खिलाड़ियों और क्लबों को भारत में टूर करने में हिचकिचाहट हो सकती है। यह भारत के फुटबॉल फैंस और खेल प्रेमियों के लिए चिंता का विषय बन गया है।