Iran-Israel War: ग्लोबल संकट के बीच भारतीय शेयर बाजार की उड़ान, 5 दिन में 1.62 लाख करोड़ की कमाई, वजह जानकर चौंक जाएंगे

ईरान-इजरायल युद्ध और उसमें अमेरिका की एंट्री ने दुनिया भर के शेयर बाजारों को हिलाकर रख दिया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 22 June 2025, 3:04 PM IST
google-preferred

नई दिल्ली: ईरान-इजरायल युद्ध और उसमें अमेरिका की एंट्री ने दुनिया भर के शेयर बाजारों को हिलाकर रख दिया है। अमेरिका, यूरोप और एशिया के तमाम बड़े बाजारों में गिरावट देखी गई। निवेशकों में डर का माहौल है, और तमाम निवेशक अपने पैसे निकालने में लगे हैं। लेकिन इस वैश्विक अनिश्चितता के बीच एक बाजार ऐसा भी है, जो न सिर्फ स्थिर रहा, बल्कि तेजी से आगे बढ़ा – भारतीय शेयर बाजार। बीते सप्ताह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स इंडेक्स 1.58% (1,289 अंक) की बढ़त में रहा। सबसे खास बात यह रही कि सेंसेक्स की टॉप 10 में से 6 कंपनियों ने मिलकर निवेशकों को ₹1.62 लाख करोड़ का मुनाफा कराया।

टॉप कंपनियों ने दिलाई तगड़ी कमाई

सबसे बड़ा फायदा टेलीकॉम सेक्टर की दिग्गज कंपनी भारती एयरटेल ने दिलाया, जिसका मार्केट कैप ₹54,055 करोड़ बढ़कर ₹11.04 लाख करोड़ हो गया। इसके बाद मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज रही, जिसने ₹50,070 करोड़ का मुनाफा अपने निवेशकों की झोली में डाला। रिलायंस का टोटल मार्केट कैप अब ₹19.82 लाख करोड़ हो गया है।

HDFC बैंक ने ₹38,503 करोड़ की कमाई कराई और अब उसका मार्केट कैप ₹15.07 लाख करोड़ पहुंच गया है। वहीं इंफोसिस, ICICI बैंक और SBI जैसी कंपनियों ने भी लगभग ₹8,433 करोड़, ₹8,012 करोड़ और ₹3,212 करोड़ का इजाफा किया।

युद्ध के बीच भारत में भरोसा क्यों?

जब पूरी दुनिया युद्ध की आग में झुलस रही है और निवेशक बाजार से पैसा निकाल रहे हैं, तब भारत में तेजी की वजह कई हैं।

  • सबसे पहले घरेलू निवेशकों का लगातार मजबूत सपोर्ट।
  • विदेशी संस्थानों की बिकवाली के बावजूद DII (Domestic Institutional Investors) की खरीदारी
  • भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था, नियंत्रण में महंगाई और स्थिर राजनीतिक माहौल
  • टेलीकॉम और बैंकिंग सेक्टर का मजबूत प्रदर्शन
  • सरकार की ओर से स्पष्ट नीति और रिफॉर्म्स

भारत अब उभरता बाजार नहीं, बल्कि एक भरोसेमंद और स्थिर इकोनॉमी के रूप में देखा जा रहा है। यही वजह है कि विदेशी निवेशक भी भारत में अपने पोर्टफोलियो को शिफ्ट कर रहे हैं।

वैश्विक गिरावट बनाम भारत की मजबूती

जहां अमेरिका और एशिया के बाकी देशों में प्रमुख इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए, भारत में सेंसेक्स और निफ्टी ने सकारात्मक रिटर्न दिया। इससे यह साबित होता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अब केवल वैश्विक संकेतकों पर निर्भर नहीं रही। ईरान-इजरायल युद्ध के बीच जब दुनियाभर में डर और अस्थिरता का माहौल है, भारतीय बाजार ने न सिर्फ मजबूती दिखाई बल्कि निवेशकों को मालामाल भी किया। भारत की कंपनियां और निवेश वातावरण अब वैश्विक संकटों में भी ‘Safe Haven’ बनते जा रहे हैं। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि भारतीय बाजार अब वैश्विक अस्थिरता के बीच भी भरोसेमंद निवेश की पहचान बन चुका है।

Location : 

Published :