

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दवाओं, ट्रकों और फर्नीचर पर भारी टैरिफ लगाने से भारतीय शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गई। फार्मा सेक्टर पर सबसे अधिक असर पड़ा। शुरुआती कारोबार में बिकवाली का दबाव खासकर फार्मा कंपनियों पर देखने को मिला।
भारतीय शेयर बाजार में गिरावट
New Delhi: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया फैसले का सीधा असर भारतीय शेयर बाजार पर देखने को मिला। ट्रंप ने 1 अक्टूबर, 2025 से सभी ब्रांडेड और पेटेंटेड दवाओं के आयात पर 100 फीसदी टैरिफ लागू करने की घोषणा की है। इसके अलावा भारी ट्रकों पर 25 फीसदी और किचन कैबिनेट व उससे जुड़े उत्पादों पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान भी किया गया।
इस फैसले के चलते शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार नकारात्मक रुख के साथ खुला। बीएसई सेंसेक्स 203.67 अंकों की गिरावट के साथ 80,956.01 पर और निफ्टी 50, 72.3 अंकों की गिरावट के साथ 24,818.55 पर खुला। शुरुआती कारोबार में बिकवाली का दबाव खासकर फार्मा कंपनियों पर देखने को मिला।
बीएसई पर सन फार्मा सबसे बड़ी गिरावट दर्ज करने वाली कंपनी रही। इसके बाद बजाज फाइनेंस और एशियन पेंट्स में भी भारी नुकसान देखने को मिला। दूसरी ओर लार्सन एंड टुब्रो (L&T), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (BEL) और टाटा स्टील मुनाफे में रहे और बाजार को कुछ सहारा दिया।
शेयर बाजार नकारात्मक रुख के साथ खुला
निफ्टी मिडकैप 100 में 0.21 फीसदी और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 0.37 फीसदी की गिरावट देखी गई। सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें तो निफ्टी फार्मा इंडेक्स 2 फीसदी से ज्यादा गिरा। इसके विपरीत निफ्टी मीडिया और निफ्टी मेटल इंडेक्स में बढ़त दर्ज हुई, जो क्रमशः 0.62 फीसदी और 0.28 फीसदी रही।
भारतीय बाजार के साथ-साथ एशियाई शेयर बाजारों में भी कमजोरी दर्ज की गई। ट्रंप के टैरिफ फैसले का असर जापान, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया के बाजारों पर भी पड़ा। जापान का निक्केई 225 इंडेक्स 0.28 फीसदी गिरा, जबकि दक्षिण कोरिया के कोस्पी इंडेक्स में 1.5 फीसदी की भारी गिरावट देखी गई। ऑस्ट्रेलिया का एएसएक्स 200 भी 0.3 फीसदी नीचे रहा।
Share Market: बैंक निफ्टी और निफ्टी 50 में उछाल, अगले सप्ताह निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत
गुरुवार को अमेरिकी बाजार भी लगातार तीसरे दिन गिरावट के साथ बंद हुए। बेरोजगारी दावों में अप्रत्याशित कमी और जीडीपी ग्रोथ में गिरावट ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है।
Share Market: गिरावट के बाद संभला शेयर बाजार, सेंसेक्स 100 अंक चढ़ा; क्यों ऑटो सेक्टर पर है दबाव?
इस वजह से साल के आखिर तक ब्याज दरों में कटौती की संभावनाएं कम हो गई हैं। नैस्डैक कंपोजिट इंडेक्स और एसएंडपी 500 दोनों में 0.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जबकि डॉव जोन्स लगभग 0.38 फीसदी टूटा।