

UIDAI ने स्पष्ट किया है कि 5 से 7 साल की उम्र के बच्चों के आधार कार्ड में बायोमैट्रिक अपडेट की प्रक्रिया फिलहाल मुफ्त है। इस प्रक्रिया में बच्चे के फिंगरप्रिंट, आइरिस स्कैन और लेटेस्ट फोटो को आधार में अपडेट किया जाता है।
प्रतीकात्मक फोटो (सोर्स: इंटरनेट)
New Delhi: यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने बच्चों के आधार कार्ड के बायोमैट्रिक अपडेट को लेकर महत्वपूर्ण अलर्ट जारी किया है। खासकर 5 से 7 साल की उम्र के बच्चों के लिए यह अपडेट अनिवार्य किया गया है। UIDAI ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (Twitter) पर अभिभावकों को चेतावनी दी है कि समय पर बायोमैट्रिक अपडेट न कराए जाने की स्थिति में बच्चों के आधार कार्ड को डिएक्टिवेट किया जा सकता है, जिसके बाद वे स्कूल एडमिशन, सरकारी योजनाओं, स्कॉलरशिप, और DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) जैसे लाभ से वंचित हो सकते हैं।
5-7 साल के बच्चों का बायोमैट्रिक अपडेट मुफ्त
UIDAI ने स्पष्ट किया है कि 5 से 7 साल की उम्र के बच्चों के आधार कार्ड में बायोमैट्रिक अपडेट की प्रक्रिया फिलहाल मुफ्त है। इस प्रक्रिया में बच्चे के फिंगरप्रिंट, आइरिस स्कैन और लेटेस्ट फोटो को आधार में अपडेट किया जाता है। यह एक जरूरी कदम है, क्योंकि जब बच्चा 7 साल का हो जाता है और अगर बायोमैट्रिक अपडेट नहीं किया जाता तो उसका आधार कार्ड डिएक्टिवेट हो सकता है। UIDAI ने कहा कि इस अपडेट के बिना बच्चे को स्कूल में एडमिशन लेने, प्रवेश परीक्षा में बैठने, सरकारी योजनाओं का लाभ और अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
100 रुपये का शुल्क लगेगा बाद में
UIDAI ने यह भी स्पष्ट किया कि 7 साल की उम्र के बाद इस अपडेट के लिए 100 रुपये का शुल्क लिया जाएगा। इस समय तक अपडेट नहीं कराए जाने पर बच्चों के आधार कार्ड पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबरों पर एसएमएस के जरिए भी अलर्ट भेजा जा रहा है, जिससे माता-पिता समय रहते इसे अपडेट करवा सकें।
बाल आधार (Baal Aadhaar) क्या है?
बाल आधार का महत्व
UIDAI ने कहा है कि आज के समय में आधार कार्ड एक अत्यंत महत्वपूर्ण दस्तावेज बन चुका है, जो न सिर्फ पहचान का प्रमाण है, बल्कि सरकारी योजनाओं और अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं का लाभ लेने के लिए भी अनिवार्य है। इसलिए अभिभावकों से यह अपील की गई है कि वे अपने बच्चों के आधार कार्ड को प्राथमिकता देकर समय रहते बायोमैट्रिक अपडेट करवा लें।