EPF VS RD: कौन देगा बेहतर रिटर्न और टैक्स लाभ? जानिए पूरी डिटेल

PF और RD दोनों ही सुरक्षित निवेश विकल्प हैं, लेकिन निवेश अवधि और रिटर्न के हिसाब से इनके फायदे अलग हैं। जानिए किसे चुनना आपके लिए फायदेमंद रहेगा।

Updated : 25 October 2025, 7:50 PM IST
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New Delhi: भारतीय निवेशक हमेशा से ऐसी योजनाओं की तलाश में रहते हैं, जो सुरक्षित होने के साथ-साथ अच्छा रिटर्न भी दें। इस मामले में कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) और रिकरिंग डिपॉजिट (RD) दो लोकप्रिय निवेश विकल्प बनकर उभरते हैं। दोनों ही स्कीम में निवेशकों की जरूरत और निवेश की अवधि के हिसाब से अलग-अलग फायदे हैं। अगर आप निवेश करने का सोच रहे हैं, तो जानना जरूरी है कि कौन-सा ऑप्शन आपके लिए बेहतर रहेगा।

कर्मचारी भविष्य निधि (EPF)

कर्मचारी भविष्य निधि मुख्य रूप से नौकरीपेशा लोगों के लिए लंबी अवधि का सुरक्षित निवेश विकल्प है। इस योजना में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों 12 प्रतिशत योगदान करते हैं। इसके अलावा, सरकार हर साल इस राशि पर ब्याज देती है। 2025 के लिए EPF की ब्याज दर लगभग 8.25 प्रतिशत है।

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EPF का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें निवेश की गई राशि पर टैक्स छूट भी मिलती है। लंबे समय तक निवेश के कारण EPF अक्सर रिकरिंग डिपॉजिट (RD) की तुलना में बेहतर रिटर्न देता है। हालांकि, इसमें पैसे निकालने के लिए कुछ विशेष परिस्थितियां तय हैं, जैसे शादी, गंभीर बीमारी या बच्चों की शिक्षा। इस वजह से EPF को लॉन्ग टर्म निवेश के लिए ज्यादा उपयुक्त माना जाता है।

Long Term Investment

प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)

रिकरिंग डिपॉजिट (RD)

रिकरिंग डिपॉजिट उन निवेशकों के लिए बेहतर है जो छोटी-छोटी राशियों में नियमित बचत करना चाहते हैं और इस पर रिटर्न पाना चाहते हैं। RD अकाउंट आसानी से बैंक या पोस्ट ऑफिस में खोला जा सकता है। निवेश की अवधि 6 महीने से लेकर 10 साल तक हो सकती है।

RD में ब्याज दर आमतौर पर 6 से 7.5 प्रतिशत के बीच होती है। RD में ब्याज पर टैक्स लगता है और बैंक ब्याज दरों में बदलाव होने पर रिटर्न प्रभावित हो सकता है। इसकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसे शॉर्ट टर्म गोल के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है और नियमित बचत की आदत डालने में मदद मिलती है।

EPF और RD के बीच मुख्य अंतर

  • लाभांश और टैक्स: EPF में निवेश पर टैक्स छूट मिलती है और लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न होता है। RD में टैक्स लागू होता है और ब्याज दर बदल सकती है।
  • निवेश अवधि: EPF लंबी अवधि के लिए बेहतर है, जबकि RD शॉर्ट टर्म निवेश के लिए सुविधाजनक है।
  • निकासी की सुविधा: EPF में निकासी केवल कुछ विशेष परिस्थितियों में संभव है, RD में समय पूरी होने पर राशि आसानी से निकाली जा सकती है।
  • रिटर्न का स्थायित्व: EPF में ब्याज दर स्थिर रहती है, RD में बैंक दर बदलने के कारण रिटर्न कम या ज्यादा हो सकता है।

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कौन सा निवेश विकल्प चुनें?

अगर आप लंबे समय तक निवेश करने और सुरक्षित रिटर्न पाना चाहते हैं तो EPF आपके लिए बेहतर विकल्प है। वहीं, अगर आप छोटी राशि से नियमित निवेश करना चाहते हैं और शॉर्ट टर्म रिटर्न चाहते हैं तो RD बेहतर रहेगा। किसी भी निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार से परामर्श करना हमेशा फायदेमंद रहता है।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 25 October 2025, 7:50 PM IST