हनुमानगढ़ में एथेनॉल फैक्ट्री विवाद भड़का: पुलिस ने 40 से ज्यादा को हिरासत में लिया, 17 दिसंबर को कलेक्ट्रेट घेराव

हनुमानगढ़ में ड्यून एथेनॉल फैक्ट्री को लेकर किसान आंदोलन लगातार उग्र हो रहा है। वार्ता विफल होने और 10 दिसंबर की हिंसा के बाद पुलिस ने 40 से अधिक किसानों को हिरासत में लिया है। 17 दिसंबर को कलेक्ट्रेट घेराव की घोषणा के बाद तनाव और बढ़ गया है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 12 December 2025, 9:09 AM IST

Hanumangarh: राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के टिब्बी क्षेत्र में ड्यून एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री को लेकर विरोध-प्रदर्शन लगातार उग्र होता जा रहा है। गुरुवार को किसानों और प्रशासन के बीच दो दौर की वार्ता बेनतीजा रही, जिसके बाद आंदोलन और तेज होने के संकेत मिल रहे हैं। किसानों का स्पष्ट कहना है कि जब तक उनकी मांगें स्वीकार नहीं की जातीं, वे पीछे नहीं हटेंगे।

एडीजी वी.के. सिंह का बयान

टिब्बी पहुंचे अतिरिक्त महानिदेशक (ADG) वी.के. सिंह ने घटनास्थल का जायजा लिया और 10 दिसंबर को हुई हिंसा के लिए “बाहरी तत्वों” को जिम्मेदार बताया। एडीजी ने कहा कि 10 दिसंबर को सबकुछ शांतिपूर्वक चल रहा था, अचानक बाहरी लोगों ने उपद्रव भड़काया। कई लोग कैमरे में पत्थर फेंकते हुए कैद हुए हैं। उन्होंने पुलिस फायरिंग की बात को खारिज करते हुए कहा कि यह अफवाह है।

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किसान सभा का पलटवार

अखिल भारतीय किसान सभा के जिला महासचिव मंगेज चौधरी ने प्रशासन के आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि पुलिस के हथियार जंग लगे थे, नहीं तो उस दिन सैकड़ों की जान चली जाती। किसान नेताओं ने 17 दिसंबर को कलेक्ट्रेट घेराव की घोषणा की है। गुरुवार को टिब्बी के गुरुद्वारा सिंह सभा में बड़ी पंचायत हुई, जिसमें महिलाओं की भी बड़ी भागीदारी रही। किसानों का कहना है कि सरकार की ओर से संवाद—सिर्फ दिखावा है, समाधान की इच्छा नहीं।

40 से अधिक किसान हिरासत में

एडीजी ने बताया कि 10 दिसंबर को हुए हिंसक बवाल में 107 किसानों और ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा दर्ज, 40 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया, 36 से अधिक पुलिस और बॉर्डर होमगार्ड घायल। जिनमें 5 पुलिसकर्मियों की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने अचानक फैक्ट्री की दीवार तोड़कर अंदर घुसने का प्रयास किया, जिससे स्थिति बिगड़ी।

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10 दिसंबर को क्या हुआ था?

10 दिसंबर की दोपहर किसानों ने टिब्बी एसडीएम ऑफिस के बाहर बड़ी सभा की। शाम 4 बजे यह भीड़ अचानक ट्रैक्टर लेकर राठीखेड़ा स्थित निर्माणाधीन ड्यून एथेनॉल फैक्ट्री के गेट पर पहुंची। भीड़ ने फैक्ट्री की बाउंड्री वॉल गिराई, भीतर घुसकर ऑफिस में आग लगा दी और पुलिस से जमकर पत्थरबाजी की। इस हिंसा में कांग्रेस विधायक सहित 70 से अधिक लोग घायल हुए। कई घायल रातभर टिब्बी के गुरुद्वारे में ही रुके, क्योंकि इंटरनेट बंद होने से संपर्क और सूचना दोनों में दिक्कतें आ रही थीं।

विवाद की जड़ क्या है?

1. एथेनॉल प्लांट का निर्माण
चंडीगढ़ रजिस्टर्ड कंपनी राठीखेड़ा में 40 मेगावाट अनाज आधारित एथेनॉल प्लांट लगा रही है। कंपनी का दावा है कि यह प्रोजेक्ट केंद्र सरकार की एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (EBP) योजना को मजबूती देगा।

2. 10 महीने शांतिपूर्ण विरोध
सितंबर 2024 से जून 2025 तक विरोध शांतिपूर्ण रहा। किसान पर्यावरण, प्रदूषण, पानी के उपयोग और जमीन अधिग्रहण को लेकर चिंतित थे।

3. जुलाई 2025-तनाव बढ़ा
जब कंपनी ने बाउंड्री वॉल का काम शुरू किया, तो किसानों का गुस्सा भड़क गया।

4. 19 नवंबर 2025-पुलिस सुरक्षा में निर्माण शुरू
किसान नेता महंगा सिंह सहित 12 से अधिक नेता गिरफ्तार हुए। 20-21 नवंबर को 67 किसानों ने गिरफ्तारी दी।

5. 10 दिसंबर-हिंसा की चिंगारी

किसानों ने फैक्ट्री की दीवार तोड़ दी और झड़प शुरू हो गई, जिससे स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।

इंटरनेट बंद, तनाव कायम

टिब्बी क्षेत्र में 48 घंटे से अधिक समय से इंटरनेट बंद है। फैक्ट्री के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है और पुलिस की अतिरिक्त कंपनियां तैनात कर दी गई हैं। जिला प्रशासन का दावा है कि स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन वास्तविकता में गांवों में तनाव अब भी महसूस किया जा सकता है। किसान घोषणाएं कर चुके हैं कि मामला शांत नहीं होगा, जब तक फैक्ट्री निर्माण रोका नहीं जाता, गिरफ्तार नेताओं को रिहा नहीं किया जाता और किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस नहीं लिए जाते।

Location : 
  • Hanumangarh

Published : 
  • 12 December 2025, 9:09 AM IST