

राजस्थान के झुंझुनू जिले में स्थित ऐतिहासिक श्री खेमी शक्ति दादी मंदिर में इस वर्ष का वार्षिक तीन दिवसीय महा उत्सव श्रद्धा, उत्साह और धार्मिक भावना के साथ मनाया जाएगा। ये आयोजन 21 से 23 अगस्त तक चलेगा इस आयोजन में देशभर से हजारों भक्त भाग लेंगे भाग और भक्ति रस में डूबकर देवी माँ का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।
श्री खेमी शक्ति दादी जी (Img: Google)
Rajasthan: विश्व का सबसे बड़ा राणी सती मंदिर झुंझुनू में है। जो राजस्थान राज्य के झुंझुनू में स्थित है। यह मंदिर हिंदू देवी खेमी सती को समर्पित है, जिन्हें परिवारों की सुरक्षा और मनोकामना पूर्ति से जुड़ी एक शक्तिशाली देवी माना जाता है। हर बार की तरह इस वर्ष भी यहां वार्षिक पूजा महा उत्सव अत्यंत श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाएगा। यह आयोजन 21 अगस्त से 23 अगस्त 2025 तक तीन दिनों तक चलेगा, जिसमें देश के विभिन्न कोनों से हजारों श्रद्धालु पहुंचेगें।
इस वर्ष यह महोत्सव भादो अमावस्या के पावन अवसर पर आयोजित किया जाएगा, जो हिंदू धर्म में एक अत्यंत शुभ और पवित्र दिन माना जाता है। इस दिन पितरों की शांति के लिए श्राद्ध व तर्पण किया जाता है और दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है।
प्रथम दिवस कार्यक्रम
प्रथम दिवस (21 अगस्त) को दोपहर 3:00 बजे मंगलपाठ से कार्यक्रम का शुभारंभ होगा। इसके पश्चात रात्रि 8:00 बजे विशेष रूप से प्रसाद तैयार किया जाएगा। यह प्रसाद हैदराबाद से बुलाए गए दक्ष रसोइयों द्वारा तैयार किया जाएगा, जो स्वाद और सेवा भावना का एक अद्भुत संगम होगा।
चरण पादुका पूजन व अभिषेक
दूसरे दिन (22 अगस्त) को प्रातः 8:00 बजे चरण पादुका पूजन व अभिषेक होगा। इस अनुष्ठान में कनकधारा स्तोत्र और श्री सूक्त के मंत्रों के साथ दादी जी की पादुकाओं का जल, दूध, गंगाजल आदि से अभिषेक होगा। उसी दिन रात 8:00 बजे से देर रात तक भजन संध्या और जागरण का आयोजन भी होगा, जिसमें विभिन्न मंडलियों ने भक्ति संगीत प्रस्तुत किया जाएगा। भजनों के मधुर स्वर से पूरा वातावरण देवीमय हो उठेगा।
तीसरे एवं अंतिम दिन (23 अगस्त) को प्रातः 5:00 बजे श्रद्धालुओं ने धोक व विशेष पूजा (जात) अर्पित किया जाएगा। श्रद्धालुओं ने दादी जी के चरणों में नारियल, चुनरी, मिठाई, पुष्प आदि समर्पित कर अपने परिवार की सुख-शांति व समृद्धि की कामना करेंगे।
आयोजन में स्थानीय प्रशासन
इस आयोजन में स्थानीय प्रशासन, मंदिर समिति एवं स्वयंसेवकों ने अनुशासन व व्यवस्था को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जायेगी। साथ ही, इस अवसर पर स्थानीय कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी होगी।
श्रद्धालुओं ने इस आयोजन को अध्यात्म, संस्कृति और सेवा का अनूठा संगम बताया है। श्री खेमी सती दादी जी का यह वार्षिक उत्सव अब केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक सामूहिक आस्था और संस्कृति का पर्व बन चुका है।
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