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लोकतंत्र बनाम राजनीतिक ड्रामा! Bihar SIR और वोट चोरी के आरोप पर संसद में घमासान, आमने-सामने आया पक्ष-विपक्ष

बिहार में मतदाता सूची से लाखों नाम हटाए जाने के बाद विपक्ष ने इसे "वोट चोरी" करार देते हुए संसद में जोरदार विरोध दर्ज किया है। लोकसभा और राज्यसभा में हंगामे के बीच विपक्ष मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने पर विचार कर रहा है। वहीं, सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों इस मामले पर अपनी-अपनी राय सार्वजनिक रूप से रख रहे हैं।
Post Published By: Asmita Patel
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लोकतंत्र बनाम राजनीतिक ड्रामा! Bihar SIR और वोट चोरी के आरोप पर संसद में घमासान, आमने-सामने आया पक्ष-विपक्ष

New Delhi: बिहार में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा किए गए विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण में लगभग 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जाने के बाद यह मुद्दा संसद से लेकर सड़क तक गरमाया हुआ है। विपक्ष का आरोप है कि यह सुनियोजित “वोट चोरी” है, जिसका मकसद जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों को छीनना है। इस मुद्दे को सबसे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने उठाया था। उन्होंने आयोग पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया और इसे लोकतंत्र पर सीधा हमला बताया।

संसद में हंगामा: ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ के लगे नारे’

सोमवार को संसद के दोनों सदनों में विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर जबरदस्त हंगामा किया। लोकसभा में जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी सांसदों ने ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ और ‘वी वॉन्ट जस्टिस’ के नारे लगाने शुरू कर दिए। लोकसभा अध्यक्ष की कई बार की चेतावनी के बावजूद हंगामा थमा नहीं, जिसके चलते सदन को पहले दोपहर 12 बजे तक और फिर दोबारा 2 बजे तक स्थगित करना पड़ा। राज्यसभा में भी विपक्ष ने यही मुद्दा उठाया और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए। विपक्ष ने मांग की कि मुख्य चुनाव आयुक्त संसद में आएं और इस पर जवाब दें।

संसद में डिंपल यादव का बड़ा बयान

समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने संसद में दिए बयान में कहा कि राहुल गांधी को माफ़ी मांगने का कोई सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि यदि नेता प्रतिपक्ष यह महसूस करते हैं कि देश में वोट चोरी हो रही है तो यह चुनाव आयोग की ज़िम्मेदारी है कि वह सार्वजनिक रूप से सबूत पेश करे कि ऐसा कुछ नहीं हो रहा है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने ज्ञानेश कुमार पर बोला हमला

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारी ज्ञानेश कुमार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि वह न केवल वोट चोरी में शामिल हैं, बल्कि अब सीनाजोरी पर भी उतर आए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ज्ञानेश कुमार जनता और मीडिया के सवालों का सीधा जवाब देने से बच रहे हैं और पारदर्शिता से पूरी तरह दूरी बनाए हुए हैं।

मिलिंद देवड़ा ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया

शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने विपक्ष पर तीखा प्रहार करते हुए चुनाव आयोग पर उठाए जा रहे सवालों को “गैरजिम्मेदाराना और भ्रामक” बताया। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं पर इस तरह से बार-बार संदेह प्रकट करना न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि इससे देश की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और आम जनता के भरोसे को भी नुकसान पहुंचता है।

CEC के खिलाफ विपक्ष का सख्त रुख

विपक्षी दलों का एक समूह अब मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने पर विचार कर रहा है। यह प्रस्ताव संविधान के अनुच्छेद 324(5) और 124(4) के तहत लाया जा सकता है, जो सुप्रीम कोर्ट के जजों की तरह CEC को हटाने की प्रक्रिया निर्धारित करता है। महाभियोग प्रक्रिया आसान नहीं होती। इसके लिए संसद के एक सदन में पहले नोटिस देना होता है, उसके बाद जांच समिति गठित होती है और फिर दोनों सदनों में विशेष बहुमत से प्रस्ताव पारित करना होता है। लेकिन विपक्ष का कहना है कि यह केवल चुनाव आयोग की जवाबदेही तय करने का सवाल नहीं है, बल्कि लोकतंत्र और चुनाव की पारदर्शिता बचाने की लड़ाई है।

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