

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शताब्दी के मौके पर आयोजित समारोह में विशेष डाक टिकट और सिक्का जारी किया। उन्होंने संघ की सेवा और राष्ट्र के प्रति योगदान को सराहा और देशवासियों को नवरात्रि एवं विजयादशमी की शुभकामनाएं दीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में कहा कि आजादी के बाद संघ को कई बार कुचलने का प्रयास हुआ, लेकिन वह वटवृक्ष की तरह मजबूती से खड़ा रहा। नई दिल्ली के डॉक्टर आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित इस शताब्दी समारोह में मोदी ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया और संघ की गौरवशाली यात्रा को याद किया। उन्होंने एक विशेष डाक टिकट और स्मृति सिक्का भी जारी किया, जो संघ की 100 साल की सेवा को सम्मानित करता है।
प्रधानमंत्री ने संघ के स्वयंसेवकों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि कोरोना काल में उन्होंने देश की मदद की। उन्होंने बताया कि संघ के स्वयंसेवक छुआछूत के खिलाफ लड़ाई लड़ते हैं और हर आपदा में आगे बढ़कर सहायता करते हैं। मोदी ने कहा, “संघ की विचारधारा में कोई हिंदू छोटा या बड़ा नहीं होता, हर स्वयंसेवक समान है। संघ ने ‘एक कुआं, एक मंदिर और एक श्मशान’ की बात कही है, जो भेदभाव के खिलाफ लड़ने का संदेश है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर महानवमी के दिन देशवासियों को नवरात्रि की बधाई दी। उन्होंने कहा, “कल विजयादशमी का महापर्व है, जो अन्याय पर न्याय, असत्य पर सत्य और अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है।” मोदी ने इस पर्व को भारतीय संस्कृति की प्राचीन परंपरा और विश्वास का कालजयी उद्घोष बताया। उन्होंने कहा कि संघ की स्थापना और नवरात्रि, विजयादशमी जैसे पर्वों का आपस में गहरा संबंध है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह इस पीढ़ी के स्वयंसेवकों का सौभाग्य है कि वे संघ के शताब्दी वर्ष का साक्षी बन रहे हैं। उन्होंने संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि संघ का यह 100 वर्ष का गौरवमयी सफर पूरे देश के लिए प्रेरणा है। मोदी ने सभी स्वयंसेवकों को राष्ट्र सेवा के लिए कोटि-कोटि शुभकामनाएं दीं।
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मोदी ने संघ की 100 वर्ष की यात्रा की स्मृति में भारत सरकार द्वारा जारी किए गए विशेष डाक टिकट और स्मृति सिक्के का भी अनावरण किया। 100 रुपए के इस सिक्के पर राष्ट्रीय चिन्ह के साथ भारत माता की भव्य छवि और सिंह के साथ वरद-मुद्रा अंकित है, जो संघ के गौरव और देशभक्ति का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि संघ की स्थापना कोई संयोग नहीं थी, बल्कि यह हजारों वर्षों से चली आ रही राष्ट्र चेतना की परंपरा का पुनरुत्थान है। संघ आधुनिक युग की चुनौतियों का सामना करने वाला राष्ट्र चेतना का पुण्य अवतार है। यह संगठन देश के विकास और एकता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है।
पीएम मोदी ने संघ की सामाजिक और सांस्कृतिक भूमिका को भी महत्व दिया। उन्होंने कहा कि संघ न केवल राष्ट्र के प्रति समर्पित है, बल्कि समाज में व्याप्त भेदभाव और अन्याय के खिलाफ भी लड़ता है। संघ स्वयंसेवक हर संकट में आगे आते हैं और देश की सेवा करते हैं। मोदी ने संघ की इस भावना को सभी देशवासियों के लिए प्रेरणा माना।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि संघ को कभी-कभी गलत तरीके से निशाना बनाया गया, लेकिन संघ ने कभी अपने उद्देश्य से समझौता नहीं किया। संघ का काम देश और समाज के कल्याण के लिए समर्पित है, जो लगातार चल रहा है।