Patna: बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। इसी क्रम में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 29 अगस्त से दो दिवसीय बिहार दौरे पर जा रहे हैं। यह दौरा विपक्षी गठबंधन को एकजुट दिखाने और आगामी चुनावों में सत्तारूढ़ NDA के खिलाफ माहौल बनाने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
28 की जगह अब 29 अगस्त को शुरू होगा दौरा
पहले यह दौरा 28 अगस्त को तय था, लेकिन अब इसे एक दिन के लिए टालकर 29 अगस्त कर दिया गया है। अखिलेश यादव 29 अगस्त को बिहार पहुंचेंगे और 30 अगस्त की रात लखनऊ लौटेंगे। इस दौरे को लेकर समाजवादी पार्टी और महागठबंधन में शामिल दलों ने तैयारियां तेज कर दी हैं।
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रोड शो बनेगा विपक्षी एकता का प्रतीक
अखिलेश यादव का बिहार दौरे का सबसे अहम हिस्सा 30 अगस्त को आरा से सिवान तक होने वाला संयुक्त रोड शो है। इसमें उनके साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व RJD नेता तेजस्वी यादव भी शामिल होंगे। यह रोड शो सिर्फ एक राजनीतिक यात्रा नहीं, बल्कि विपक्षी गठबंधन की ताकत का सार्वजनिक प्रदर्शन भी होगा। इसका मकसद जनता को यह दिखाना है कि विपक्ष एकजुट होकर NDA के खिलाफ मुकाबला करने के लिए तैयार है।
‘वोटर अधिकार यात्रा’ में शामिल होंगे सपा प्रमुख अखिलेश यादव@RahulGandhi @yadavakhilesh @dimpleyadav pic.twitter.com/rtu7TybNvx
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) August 28, 2025
आरा से सिवान तक क्यों?
रोड शो के लिए आरा से सिवान तक का रास्ता चुनना भी प्रतीकात्मक महत्व रखता है। यह इलाका सामाजिक और राजनीतिक रूप से काफी सक्रिय और जागरूक माना जाता है। यहां के मतदाता विकास, रोजगार, शिक्षा और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों को लेकर काफी सजग हैं। इस क्षेत्र से होकर गुजरने वाला रोड शो न सिर्फ महागठबंधन को ग्रामीण और अर्धशहरी क्षेत्रों में मजबूती देगा, बल्कि यह NDA को भी सीधे चुनौती देने वाला कदम साबित हो सकता है।
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महागठबंधन की नई ऊर्जा
तेजस्वी यादव पहले ही बिहार में गठबंधन को बनाए रखने और उसे और मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। अब जब अखिलेश यादव भी साथ जुड़ रहे हैं, तो यह महागठबंधन की नई ऊर्जा और विस्तार की ओर इशारा करता है। कांग्रेस की भूमिका, विशेष रूप से राहुल गांधी की मौजूदगी, इस दौरे को और भी अहम बना देती है।
NDA के लिए चेतावनी?
हालांकि बिहार में NDA की सरकार है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा की साझेदारी फिलहाल स्थिर दिख रही है, लेकिन विपक्षी एकता की यह कोशिश उनके लिए एक नई चुनौती बन सकती है। रोड शो का असर आगामी चुनावों में कितना पड़ेगा, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन फिलहाल यह विपक्षी खेमे का बड़ा पॉलिटिकल शो ऑफ फोर्स साबित हो सकता है।
अखिलेश का राष्ट्रीय विस्तार?
उत्तर प्रदेश की राजनीति में सपा एक प्रमुख ताकत रही है, लेकिन अब अखिलेश यादव राष्ट्रीय राजनीति में भी सक्रिय भूमिका निभाने की कोशिश में लगे हैं। बिहार दौरा उसी दिशा में एक कदम माना जा रहा है। इससे न सिर्फ उनका राजनीतिक कद बढ़ेगा, बल्कि 2026 के यूपी विधानसभा चुनावों में भी इससे उन्हें लाभ मिल सकता है।

