

बिहार चुनाव से पहले जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने खगड़िया में भ्रष्टाचार पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार बनने पर राज्य के 100 सबसे भ्रष्ट नेता और अधिकारी जेल भेजे जाएंगे। लालू और तेजस्वी यादव पर तीखा हमला करते हुए पीके ने खुद को ‘बदलाव का चेहरा’ बताया।
खगड़िया से गरजे प्रशांत किशोर
Patna: बिहार की सियासत में हलचल तेज होती जा रही है, और इस गर्माते चुनावी मौसम में जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर (पीके) ने एक बड़ा सियासी दांव चला है। खगड़िया में आयोजित "बिहार बदलाव सभा" में उन्होंने हजारों की भीड़ को संबोधित करते हुए साफ शब्दों में कहा कि अगर जन सुराज पार्टी की सरकार बनी तो राज्य के सबसे भ्रष्ट 100 नेताओं और अधिकारियों को जेल भेजा जाएगा।
प्रशांत किशोर ने अपने भाषण की शुरुआत सीधे-सीधे भ्रष्टाचार पर हमला बोलते हुए की। उन्होंने कहा कि बिहार में भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहरी हो चुकी हैं कि सामान्य आदमी की जिंदगी तबाह हो रही है। अगर हमारी सरकार बनी, तो पहले 100 सबसे भ्रष्ट मंत्री और अधिकारी जेल की हवा खाएंगे। उन्होंने यह भी जोड़ा कि ये लोग अभी से पूजा-पाठ शुरू कर दें, क्योंकि जनता का गुस्सा अब बर्दाश्त की सीमा पार कर चुका है। इतना ही नहीं, पीके ने ये भी कहा कि इन भ्रष्ट अधिकारियों और नेताओं की अवैध संपत्ति की वसूली उनके बच्चों तक से की जाएगी।
खगड़िया से गरजे प्रशांत किशोर
पीके ने लालू यादव और राजद पर तीखा हमला करते हुए कहा कि राजद की पूरी फंडिंग बालू माफिया और शराब माफिया से होती है। ये लोग जनता के पैसों से ऐश कर रहे हैं। उन्होंने खुद की तुलना करते हुए कहा, "मैं सरस्वती की कृपा से खाता हूं, लेकिन लालू परिवार ने बिहार को गर्त में धकेल दिया है।" प्रशांत किशोर का यह बयान साफ इशारा है कि वह अब 'पुराने नेताओं की राजनीति' के खिलाफ मोर्चा खोलने के मूड में हैं और खुद को 'ईमानदार बदलाव' के रूप में पेश कर रहे हैं।
सभा में तेजस्वी यादव को भी नहीं बख्शा गया। पीके ने आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव के उपमुख्यमंत्री रहते हुए बिहार में अपराध और लूट का बोलबाला रहा। उन्होंने कहा कि तेजस्वी अपने माता-पिता के पदचिह्नों पर चलते हुए बिहार में भ्रष्टाचार और अपराध को बढ़ावा दे रहे हैं। यह सीधा हमला बताता है कि जन सुराज पार्टी की रणनीति में तेजस्वी यादव को मुख्य विपक्षी निशाने पर रखना शामिल है।
प्रशांत किशोर ने जनता से आह्वान किया कि अब वक्त आ गया है कि बिहार के लोग नई राजनीति को मौका दें। उन्होंने कहा कि बिहार को बदलना है तो सोच बदलनी होगी। जो 30 साल से राज कर रहे हैं, वही आज विकास में सबसे बड़ी बाधा बन गए हैं। उन्होंने कहा कि जन सुराज पार्टी ही एक ऐसा विकल्प है जो ईमानदार, पारदर्शी और जनता-केन्द्रित सरकार दे सकती है।
जन सुराज पार्टी इस समय गांव-गांव और जिला-दर-जिला सभाएं कर रही है, जिससे पार्टी आम जनता से सीधा जुड़ाव बना रही है। पीके की रणनीति स्पष्ट है जनता के बीच जाकर विश्वास बनाओ, और भ्रष्टाचार के खिलाफ जनजागरण फैलाओ। विशेषज्ञों की मानें तो पीके अब एक चुनावी रणनीतिकार नहीं, बल्कि नेतृत्व के वैकल्पिक केंद्र के रूप में खुद को स्थापित करने की दिशा में पूरी ताकत झोंक चुके हैं।