पूजा में कौन-सी सामग्री दोबारा इस्तेमाल कर सकते हैं और कौन-सी नहीं? जानिए धार्मिक नियम

पूजा के बाद बची सामग्री को लेकर अक्सर लोगों के मन में संशय रहता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कुछ पूजा सामग्री शुद्ध करने के बाद दोबारा प्रयोग की जा सकती है, जबकि कुछ चीजों का पुनः उपयोग वर्जित होता है। इस लेख में जानिए पूजा से जुड़ी उन सामग्रियों के बारे में जिन्हें दोबारा इस्तेमाल करना सही है और किनसे बचना चाहिए।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 19 December 2025, 3:13 PM IST
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1 / 7 \"Zoom\"पूजा के दौरान, देवी-देवताओं को अर्पित की गई कई सामग्रियां बाद में बच जाती हैं। ऐसे में अक्सर लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि क्या इन्हें दोबारा पूजा में इस्तेमाल किया जा सकता है या नहीं। (Img Source: Google)
2 / 7 \"Zoom\"धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कुछ पूजा सामग्री ऐसी होती है, जो शुद्ध करने के बाद फिर से प्रयोग की जा सकती है। इनमें धातु से बनी चीजें और स्थायी पूजा सामग्री शामिल हैं। (Img Source: Google)
3 / 7 \"Zoom\"चांदी, पीतल या तांबे के बर्तन, भगवान की मूर्ति, घंटी, शंख, आसन और मंत्र जाप की माला को साफ कर दोबारा पूजा में इस्तेमाल किया जा सकता है। ये वस्तुएं स्थायी और शुद्ध मानी जाती हैं। (Img Source: Google)
4 / 7 \"Zoom\"इसी तरह बेलपत्र को भी धोकर फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है, बशर्ते वह टूटा या खराब न हो। शास्त्रों के अनुसार बेलपत्र लंबे समय तक बासी नहीं माना जाता। (Img Source: Google)
5 / 7 \"Zoom\"वहीं भोग, जल, फूल, माला और नारियल जैसी सामग्रियों का दोबारा प्रयोग वर्जित माना गया है। एक बार अर्पित करने के बाद इनकी पवित्रता समाप्त हो जाती है। (Img Source: Google)
6 / 7 \"Zoom\"चंदन, कुमकुम, अक्षत और धूप-दीप का बचा हुआ हिस्सा भी फिर से पूजा में नहीं लगाना चाहिए। इससे पूजा की शुद्धता प्रभावित मानी जाती है। (Img Source: Google)
7 / 7 \"Zoom\"हालांकि, तुलसी के पत्ते विशेष माने जाते हैं और इन्हें दोबारा पूजा में उपयोग किया जा सकता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार तुलसी स्वयं शुद्ध होती है और कभी अपवित्र नहीं होती। (Img Source: Google)

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 19 December 2025, 3:13 PM IST

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