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हिंदू धर्म में रसोईघर यानी किचेन को बेहद महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। इसे मां अन्नपूर्णा का स्थान माना जाता है, जो समृद्धि और वैभव की देवी हैं। धार्मिक परंपराओं के अनुसार, रसोईघर को पवित्र माना जाता है और यह स्थान घर की समृद्धि, खुशहाली और सुख-शांति का प्रतीक है। अगर रसोईघर में मां अन्नपूर्णा की पूजा की जाए, तो घर में कभी भी अन्न और धन की कमी नहीं होती।


मां अन्नपूर्णा को समृद्धि, आन्न और खुशहाली की देवी माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, जिन घरों में मां अन्नपूर्णा की पूजा होती है, वहां कभी भी अन्न की कमी नहीं होती। यह मान्यता है कि उनका आशीर्वाद उन घरों में स्थिरता और सम्पन्नता लाता है। रसोईघर में उनकी तस्वीर लगाना एक शुभ संकेत माना जाता है और इसे घर में समृद्धि और सुख-शांति लाने के लिए अनिवार्य माना जाता है।



वास्तु शास्त्र के अनुसार, रसोईघर का स्थान घर के दक्षिण-पूर्व (आग्नेय कोण) दिशा में होना चाहिए। इस दिशा में रसोईघर बनाने से घर में कभी भी अन्न की कमी का सामना नहीं करना पड़ता। यदि किसी कारणवश इस दिशा में रसोईघर नहीं बना सकते, तो घर के उत्तर-पश्चिम दिशा में भी रसोईघर बनवाना शुभ माना जाता है। वास्तु शास्त्र में रसोईघर के लिए इन दिशाओं का विशेष महत्व है क्योंकि यह स्थान घर के ऊर्जा प्रवाह को नियंत्रित करता है।



अगर घर के डिजाइन के कारण आप रसोईघर को दक्षिण-पूर्व दिशा में नहीं बना पा रहे हैं, तो वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर-पश्चिम दिशा एक अच्छा विकल्प हो सकता है। हालांकि, उत्तर-पूर्व, दक्षिण-पश्चिम या घर के केंद्र में रसोईघर बनाने से बचना चाहिए। इन दिशाओं में रसोईघर बनवाने से वास्तु दोष उत्पन्न हो सकते हैं, जो घर के वातावरण को नकारात्मक बना सकते हैं और परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य, मानसिक स्थिति, और जीवन के अन्य पहलुओं पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं।



धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रात में सिंक में बर्तन छोड़ देना या बर्तन को गंदा छोड़ देना मां अन्नपूर्णा की नाराजगी को न्योता देना माना जाता है। खासकर यदि किचन में टूटे-फूटे या चटके हुए बर्तन हों, तो यह माना जाता है कि मां अन्नपूर्णा की कृपा घर पर कम हो जाती है। इससे घर में सुख-शांति में कमी आ सकती है और नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है। ऐसे में, रसोईघर की साफ-सफाई और बर्तनों की स्थिति पर विशेष ध्यान देना चाहिए।



वास्तु शास्त्र में यह भी बताया गया है कि अन्न भंडार के खाली बर्तनों को छोड़ना शुभ नहीं होता। विशेष रूप से कन्नस्तर, ड्रम और डिब्बे में थोड़ी-बहुत मात्रा में अन्न हमेशा रखा जाना चाहिए। घर के बड़े बुजुर्ग अक्सर कहते हैं कि अनाज के बर्तन खाली नहीं रखने चाहिए क्योंकि इससे बरकत चली जाती है। यदि रसोईघर में हमेशा थोड़ी मात्रा में अनाज रखा जाएगा तो घर में समृद्धि बनी रहती है और अन्न की कभी कमी नहीं होती।



मां अन्नपूर्णा की पूजा घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है और घर के प्रत्येक सदस्य को पर्याप्त आन्न और धन प्राप्त होता है। यह पूजा रसोईघर के पवित्रता को बनाए रखती है और घर की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करती है। घर के भीतर हर समय मां अन्नपूर्णा की उपस्थिति से न केवल घर का वातावरण शुभ रहता है, बल्कि परिवार के सदस्य मानसिक शांति और खुशी का अनुभव करते हैं।
