व्हाइट कॉलर नौकरियों में हुई इतनी प्रतिशत तक की बढ़ोतरी, इन क्षेत्रों में मिली जॉब को रफ्तार

भारत में नौकरी बाजार जुलाई में अचानक तेज़ी से उछला, लेकिन इस बार आईटी सेक्टर नहीं, आतिथ्य, बीमा और शिक्षा जैसे गैर-आईटी क्षेत्रों ने कमाल कर दिखाया। नौकरियों की संख्या बढ़ी, नए लोगों को मिला मौका और एआई-मशीन लर्निंग ने रफ्तार पकड़ ली। क्या अब नौकरी की दिशा बदल रही है?

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 1 August 2025, 5:39 PM IST
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New Delhi: भारत में जुलाई 2025 का महीना व्हाइट कॉलर नौकरियों के लिए उम्मीद की नई किरण लेकर आया। नौकरी जॉबस्पीक इंडेक्स की रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई में कुल 7% की वृद्धि दर्ज की गई है। लेकिन खास बात यह रही कि इस बार तेजी गैर-आईटी क्षेत्रों में ज्यादा देखी गई। जहां पहले आईटी क्षेत्र प्रमुख होता था, वहीं अब आतिथ्य, बीमा और शिक्षा जैसे क्षेत्र लीड कर रहे हैं।

आतिथ्य क्षेत्र बना टॉप परफॉर्मर

रिपोर्ट के अनुसार, हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में 26% से ज्यादा की सालाना वृद्धि दर्ज की गई। बीमा क्षेत्र में 22%, शिक्षा में 16% और तेल एवं गैस सेक्टर में 13% की वृद्धि हुई है। नौकरी.कॉम के Chief Business Officer पवन गोयल ने बताया कि “गैर-आईटी क्षेत्रों में नई नियुक्तियों की जबरदस्त डिमांड देखी जा रही है, जो भविष्य में रोजगार को विविधता देने की ओर इशारा करता है।”

एआई और मशीन लर्निंग ने मारी बाज़ी

जहां सामान्य आईटी भर्तियां पिछले साल के मुकाबले स्थिर रहीं, वहीं AI और Machine Learning से जुड़ी नौकरियों में 41% की वृद्धि ने तकनीकी क्षेत्र में नया मोड़ ला दिया है। यह दिखाता है कि कंपनियां पारंपरिक आईटी से अब उभरती तकनीकों की ओर तेजी से बढ़ रही हैं।

नई और अनुभवी प्रतिभा दोनों को फायदा

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि नए उम्मीदवारों की भर्ती में 8% वार्षिक वृद्धि हुई है, जबकि 16+ साल अनुभव वाले पेशेवरों की मांग में 13% की वृद्धि हुई। यह संकेत है कि कंपनियां फ्रेशर्स और अनुभवी दोनों को समान रूप से अवसर दे रही हैं।

 स्टार्टअप्स और यूनिकॉर्न्स की बढ़ती मांग

भारत के यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स में 23% और बाकी स्टार्टअप्स में 10% की वृद्धि देखी गई। इससे यह स्पष्ट है कि नई कंपनियां भी बड़े स्तर पर टैलेंट की तलाश में हैं और स्थायी रोजगार अवसर पैदा कर रही हैं।

क्षेत्रीय रुझान – पश्चिम भारत रहा सबसे आगे

जुलाई में पश्चिम भारत के राज्यों – गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान में नियुक्तियों की बाढ़ देखी गई।

  • सूरत: 18%

  • जामनगर: 12%

  • उदयपुर: 12%

  • जोधपुर: 11%

  • कोल्हापुर: 21%

  • औरंगाबाद: 15%

  • नागपुर: 15%

वहीं मेट्रो शहरों में मुंबई में 18% की वृद्धि दर्ज की गई – जो सबसे अधिक है।

 वैश्विक क्षमता केंद्र (GCC)

GCC सेक्टर ने भी 5% की वृद्धि दर्ज की, जो हल्की लेकिन स्थिर विकास की ओर इशारा करती है। ये केंद्र भारतीय टैलेंट को वैश्विक कंपनियों से जोड़ने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।

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