

भारत सरकार ने नेपाल और भूटान के नागरिकों के लिए वीजा और पासपोर्ट नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब दोनों देशों के नागरिक सड़क या हवाई मार्ग से बिना वीजा-पासपोर्ट के भारत आ सकते हैं।
पड़ोसी देशों के नागरिक अब बिना वीजा-पासपोर्ट भारत आ सकेंगे
New Delhi: भारत सरकार ने पड़ोसी देशों नेपाल और भूटान के नागरिकों के लिए वीजा और पासपोर्ट के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। गृह मंत्रालय ने आव्रजन और विदेशी (नागरिक) अधिनियम, 2025 के तहत एक नया आदेश जारी करते हुए कहा है कि अब नेपाल और भूटान के नागरिकों को भारत आने के लिए पासपोर्ट या वीजा प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होगी, यदि वे सड़क या हवाई मार्ग से भारत में प्रवेश करते हैं। इस फैसले से दोनों देशों के लोगों के लिए भारत आना जाना पहले से कहीं अधिक सुगम हो जाएगा।
मंत्रालय के आदेश के अनुसार, भारत में प्रवेश, ठहरने और बाहर जाने के लिए वैध पासपोर्ट या यात्रा दस्तावेज तथा वीजा की आवश्यकता नहीं होगी, यदि कोई भारतीय नागरिक नेपाल या भूटान की सीमा से सड़क या हवाई मार्ग के जरिए भारत में प्रवेश करता है। ठीक इसी तरह, नेपाली या भूटानी नागरिक भी अपने देश की सीमा से भारत में इसी माध्यम से प्रवेश कर सकते हैं। हालांकि, यह छूट चीन, मकाऊ, हांगकांग और पाकिस्तान से आने वालों पर लागू नहीं होगी।
वीजा-पासपोर्ट की जरूरत खत्म
इस नए नियम में तिब्बती नागरिकों के लिए भी राहत दी गई है। वे जो पहले ही भारत में प्रवेश कर चुके हैं या अब प्रवेश कर रहे हैं, बशर्ते उन्होंने संबंधित पंजीकरण अधिकारियों के पास पंजीकरण कराया हो और पंजीकरण प्रमाण पत्र प्राप्त किया हो, इस प्रावधान के तहत आते हैं। इसके अतिरिक्त, तिब्बती नागरिक जो 1959 के बाद भारत आए लेकिन 30 मई 2003 से पहले काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास से विशेष प्रवेश परमिट प्राप्त कर चुके हैं, वे भी इससे लाभान्वित होंगे।
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इसके अलावा, भारतीय नौसेना, थलसेना और वायुसेना के कर्मी जो ड्यूटी पर भारत में प्रवेश करते हैं या देश से बाहर जाते हैं, उनके लिए भी पासपोर्ट या वीजा जरूरी नहीं होगा। इसके साथ ही, ऐसे सैनिकों के परिवार के सदस्य जो सरकारी वाहन में उनके साथ यात्रा करते हैं, उन्हें भी पासपोर्ट या वीजा की आवश्यकता नहीं होगी।
गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय जैसे हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई, जिन्हें धार्मिक उत्पीड़न या भय के कारण भारत में शरण मिली है, यदि 31 दिसंबर 2024 या उससे पहले वे वैध दस्तावेजों के बिना या दस्तावेजों की वैधता समाप्त हो जाने के बाद भारत में प्रवेश कर चुके हैं, तो उन्हें भी वैध पासपोर्ट और वीजा रखने से छूट दी जाएगी। हालांकि, यह नियम पंजीकृत श्रीलंकाई तमिल नागरिकों पर लागू नहीं होगा जिन्होंने 9 जनवरी 2015 तक भारत में शरण ली थी।
यह नया नियम भारत के पड़ोसी देशों के साथ पारस्परिक संबंधों को मजबूत करने और सीमा पार आवागमन को आसान बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे न केवल सामान्य नागरिकों के लिए यात्रा सरल होगी, बल्कि व्यापार, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में भी वृद्धि होगी।
गृह मंत्रालय ने यह भी बताया है कि यह प्रावधान सीमा सुरक्षा और निगरानी के नियमों के साथ पूरी तरह सामंजस्य में है और भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।