

राजीव वर्मा 1 अक्टूबर से दिल्ली के मुख्य सचिव बनेंगे, उनके कंधों पर यमुना सफाई और राजधानी की जनता संबंधी बड़ी चुनौतियाँ हैं। इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि और प्रशासनिक अनुभव उन्हें इस पद के लिए तैयार करते हैं।
दिल्ली के मुख्य सचिव का पदभार संभालेंगे राजीव वर्मा
New Delhi: दिल्ली के मुख्य सचिव के रूप में राजीव वर्मा 1 अक्टूबर से पदभार संभालने जा रहे हैं। वे AGMUT‑कैडर के 1992 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, और तकनीकी शिक्षा व लंबे प्रशासनिक अनुभव के मिश्रण से उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। यमुना नदी की सफाई, यातायात जाम, अपशिष्ट प्रबंधन, पानी आपूर्ति और नगर प्रशासन मुख्यमंत्री व केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल हैं। अब सवाल यह कि राजीव वर्मा इस जटिल सिस्टम को कैसे गति देंगे- खासकर जब दिल्ली, केंद्र और निगम पर एक ही राजनीतिक पार्टी का नियंत्रण हो।
वर्मा पहले दिल्ली सरकार में वित्त व राजस्व सचिव रहे हैं, और उन्होंने दिल्ली विकास प्राधिकरण और परिवहन विभागों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। केंद्र में रक्षा और ऊर्जा मंत्रालयों में काम किया है, और उन्होंने पहले चंडीगढ़ व पुडुचेरी में मुख्य सचिव के रूप में भी कार्य किया है। उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती यमुना सफाई होगी, जिसे सफलतापूर्वक खत्म करना प्रशासन की क्षमता और राजनीतिक इच्छाशक्ति का परीक्षण होगा। दिल्ली की जटिल बुनियादी समस्याएँ जैसे ट्रैफिक, पानी की कमी और कचरा प्रबंधन भी उनकी कार्यसूची में शामिल हैं।
यमुना नदी की सफाई, यातायात जाम पहली चुनौती
वर्मा का तकनीकी पृष्ठभूमि उन्हें समस्या‑समाधान की दृष्टि से बढ़त दे सकती है। लेकिन प्रशासन की 'रस्साकशी' और नौकरशाही अवरोधों से पार पाने के लिए उन्हें अपने प्रशासनिक कौशल का पूरा इस्तेमाल करना होगा। दिल्ली की यह ऊँची बोगी अब एक नए इंजीनियर-प्रशासक की कमान में जाएगी- क्या वर्मा इसे चक्का‑चालान, नियम और भू-भागीय दबावों से त्रस्त राजधानी में एक नया सफर दिला पाएँगे, यह अब केवल समय ही बताएगा।