SIR: सुप्रीम कोर्ट ने दी मंजूरी, मतदाता सूची से बाहर लोग आधार कार्ड समेत 11 दस्तावेजों के साथ कर सकेंगे आवेदन

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एसआईआर के खिलाफ दायर याचिकाओं की सुनवाई की। इस दौरान, कोर्ट ने चुनाव आयोग को यह निर्देश दिया कि जिन लोगों के नाम मतदाता सूची से हट गए हैं, वे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने आवेदनकर्ताओं को आधार कार्ड के साथ 11 अन्य दस्तावेजों के साथ आवेदन करने की अनुमति दे दी।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 22 August 2025, 4:52 PM IST
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New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एसआईआर के खिलाफ दायर याचिकाओं की सुनवाई की। इस दौरान, कोर्ट ने चुनाव आयोग को यह निर्देश दिया कि जिन लोगों के नाम मतदाता सूची से हट गए हैं, वे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने आवेदनकर्ताओं को आधार कार्ड के साथ 11 अन्य दस्तावेजों के साथ आवेदन करने की अनुमति दे दी।

अब तक केवल दो आपत्तियां मिली

चुनाव आयोग को अब तक केवल दो आपत्तियां मिली हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर आश्चर्य जताया कि राजनीतिक पार्टियां उन 65 लाख लोगों के नामों पर आपत्ति क्यों नहीं उठा रही हैं, जिन्हें मतदाता सूची से बाहर किया गया है। सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक पार्टियों की निष्क्रियता पर सवाल उठाया। चुनाव आयोग ने बताया कि 85 हजार नए मतदाता वोटर लिस्ट में जोड़े गए हैं। इसके अलावा, चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि राजनीतिक पार्टियों के बूथ लेवल एजेंट्स के माध्यम से अब तक सिर्फ दो आपत्तियां दर्ज की गई हैं।

अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी। पीठ ने यह स्पष्ट किया है कि सभी राजनीतिक पार्टियों को अगली सुनवाई पर एक स्टेटस रिपोर्ट पेश करनी होगी, जिसमें उन्हें यह बताना होगा कि उन्होंने कितने लोगों को ऑनलाइन फॉर्म भरने में मदद की। मामले की अगली सुनवाई अब 8 सितंबर को निर्धारित की गई है। पीठ ने चुनाव अधिकारियों से यह भी कहा कि जब बूथ लेवल एजेंट्स आवेदन करें, तो उन्हें एक पर्ची भी दी जाए।

चुनाव आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने अदालत से अनुरोध किया कि चुनाव आयोग को यह साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाए कि कोई भी मतदाता सूची से बाहर नहीं है। द्विवेदी ने कहा, 'राजनीतिक दल शोर मचा रहे हैं, लेकिन स्थिति इतनी गंभीर नहीं है। हम पर विश्वास करें और हमें थोड़ा और समय दें। हम आपको दिखा देंगे कि कोई भी मतदाता सूची से बाहर नहीं है।'

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बिहार में 65 लाख मतदाताओं के नाम कट गए हैं। 14 अगस्त को, सर्वोच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग को आदेश दिया कि वह 19 अगस्त तक उन 65 लाख मतदाताओं का विवरण प्रकाशित करे, जो मसौदा मतदाता सूची से बाहर हो गए हैं। इसका उद्देश्य विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में पारदर्शिता बढ़ाना है और पहचान प्रमाण के लिए आधार कार्ड को एक मान्य दस्तावेज के रूप में स्वीकार करना है।

2003 के बाद पहली बार बिहार में मतदाता सूची में संशोधन किया गया है, जिससे एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। एसआईआर के बाद, बिहार में पंजीकृत मतदाताओं की कुल संख्या, जो पहले 7.9 करोड़ थी, घटकर 7.24 करोड़ रह गई है।

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Published : 
  • 22 August 2025, 4:52 PM IST