

कांवड़ यात्रा की शुरुआत से ठीक पहले यूपी के मुजफ्फरनगर में एक विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। ‘पहचान अभियान’ के नाम पर शुरू हुई गतिविधि ने धार्मिक तनाव की स्थिति पैदा कर दी है।
मुजफ्फरनगर में कावड़ यात्रा के बीच बवाल
Muzaffarnagar News: कांवड़ यात्रा की शुरुआत से ठीक पहले यूपी के मुजफ्फरनगर में एक विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। 'पहचान अभियान' के नाम पर शुरू हुई गतिविधि ने धार्मिक तनाव की स्थिति पैदा कर दी है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, शनिवार, 28 जून को स्वामी यशवीर जी महाराज के नेतृत्व में चल रहे 'पहचान अभियान' के दौरान एक टीम दिल्ली-देहरादून हाईवे-58 पर स्थित ‘पंडित जी वैष्णो ढाबे’ पर पहुंची। इस अभियान का उद्देश्य कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाले होटलों, ढाबों और दुकानों में काम करने वाले कर्मचारियों और मालिकों की पहचान करना है।
टीम ने जब ढाबे पर कार्यरत कर्मचारियों से उनके आधार कार्ड दिखाने को कहा, तो उन्होंने कार्ड दिखाने से इनकार कर दिया। इसके बाद टीम ने ढाबे पर लगे क्यूआर कोड (बारकोड) को स्कैन किया, जिसमें सामने आया कि ढाबे के मालिक का नाम मुस्लिम समुदाय से है। इसके बाद स्थिति बिगड़ गई।
आरोप है कि टीम के सदस्यों ने एक कर्मचारी को जबरन कमरे में ले जाकर उसकी पैंट उतारने की कोशिश की, ताकि उसकी धार्मिक पहचान स्पष्ट हो सके। इस कार्रवाई के चलते होटल परिसर में भारी हंगामा हो गया। मामला गर्म होते देख स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में लिया। स्वामी यशवीर महाराज का दावा है कि कांवड़ यात्रा के दौरान हिंदू यात्रियों की सुरक्षा और धार्मिक भावना की रक्षा के लिए उन्होंने 5000 से अधिक स्वयंसेवकों की टीम तैनात की है, जो पहचान अभियान को अंजाम दे रही है।
टीम के अनुसार, ढाबे का नाम ‘पंडित जी वैष्णो ढाबा’ है, लेकिन इसका मालिक मुस्लिम है और कर्मचारी भी मुस्लिम समुदाय के हैं, जो अपनी पहचान छिपाकर हिंदू नाम के जरिए ढाबा चला रहे हैं। इस पर स्वामी यशवीर महाराज ने चेतावनी दी है कि यदि ढाबे का नाम 24 घंटे के अंदर नहीं बदला गया, तो रविवार सुबह 10 बजे से ढाबे के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया जाएगा। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच में जुटी है और प्रशासन इसे लेकर सतर्क नजर आ रहा है, ताकि कांवड़ यात्रा के दौरान कोई अप्रिय घटना न घटे।