

मध्य-पूर्व एक बार फिर बारूद के ढेर पर बैठा है, लेकिन इस बार युद्ध के मोर्चे सिर्फ गाजा या लेबनान तक सीमित नहीं हैं। इजरायल अब सीरिया की राजधानी दमिश्क तक पहुंच चुका है, जहां उसके ड्रोन हमले सीरियाई रक्षा मंत्रालय की चौखट तक धमाके कर रहे हैं। लेकिन इस ताजा कार्रवाई के केंद्र में कौन है? ड्रूज समुदाय।
सीरिया के रक्षा मंत्रालय पर इजरायल का ड्रोन हमला
New Delhi: मध्य-पूर्व एक बार फिर बारूद के ढेर पर बैठा है, लेकिन इस बार युद्ध के मोर्चे सिर्फ गाजा या लेबनान तक सीमित नहीं हैं। इजरायल अब सीरिया की राजधानी दमिश्क तक पहुंच चुका है, जहां उसके ड्रोन हमले सीरियाई रक्षा मंत्रालय की चौखट तक धमाके कर रहे हैं। लेकिन इस ताजा कार्रवाई के केंद्र में कौन है? ड्रूज समुदाय। यह पहली बार नहीं है जब इजरायल ने ड्रूज समुदाय के नाम पर सैन्य कार्रवाई को तर्कसंगत ठहराया हो, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह मानवीय सुरक्षा है या रणनीतिक मोर्चा विस्तार?
डाइनमाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, इजरायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) का बयान साफ है “हमने दमिश्क में सीरियाई शासन के सैन्य मुख्यालय परिसर के प्रवेश द्वार पर हमला किया है, क्योंकि ड्रूज समुदाय पर सरकारी बलों द्वारा हमला किया जा रहा था।” दक्षिण सीरिया के स्वैदा क्षेत्र में ड्रूज लड़ाकों और सरकारी बलों के बीच संघर्ष ने इस दावे को बल दिया है। लेकिन क्या ये हमले सिर्फ ड्रूज की रक्षा तक सीमित हैं? या इसके पीछे गोलान हाइट्स से लेकर सीरियाई सीमा तक नए सैन्य समीकरणों की पटकथा लिखी जा रही है? एक अल्पसंख्यक, जिसके इर्द-गिर्द अंतरराष्ट्रीय राजनीति घूम रही है
ड्रूज समुदाय मध्य-पूर्व में एक ऐसा धार्मिक समूह है जो न तो इस्लाम को पूरी तरह स्वीकार करता है, न यहूदी धर्म को। 11वीं सदी में मिस्र में उद्भव के बाद यह समुदाय सीरिया, लेबनान, जॉर्डन और इजरायल में फैल गया। सीरिया में इनकी संख्या लगभग 7 लाख है, और स्वैदा उनका गढ़ है। गोलान हाइट्स जो पहले सीरिया का हिस्सा था और 1967 से इजरायल के कब्जे में है वहां भी करीब 29,000 ड्रूज रहते हैं, जो खुद को आज भी सीरियाई मानते हैं। यही वजह है कि इजरायल उन्हें बार-बार नागरिकता देने की कोशिश करता रहा है, पर ज़्यादातर ने इसे ठुकरा दिया।
सोमवार को स्वैदा में ड्रूज लड़ाकों और बेदोइन सशस्त्र समूह के बीच शुरू हुई लड़ाई ने तेजी से सरकारी बलों के हस्तक्षेप को जन्म दिया। लेकिन जब सरकार और ड्रूज आमने-सामने आए, तो इजरायल ने इसे मानवाधिकार उल्लंघन करार देकर हस्तक्षेप शुरू कर दिया।
स्थानीय चैनलों के मुताबिक, इजरायली हमलों से स्वैदा और आसपास के गांवों में मोर्टार और तोपों की आवाज़ें गूंज रही हैं। हालांकि सीरियाई रक्षा मंत्रालय का कहना है कि “गैरकानूनी तत्व युद्धविराम का उल्लंघन कर रहे हैं।”
इजरायल जानता है कि ड्रूज समुदाय उसकी सेना में भी कार्यरत है और उसका एक मजबूत सांस्कृतिक रिश्ता है। स्वैदा के बहाने इजरायल अब सीरियाई हवाई और जमीनी इलाकों में सैन्य घुसपैठ कर रहा है। यह हस्तक्षेप न केवल गोलान हाइट्स के नियंत्रण को मजबूत करता है, बल्कि सीरिया के भीतर भी प्रभाव का विस्तार करता है।