

गांव में पेड़ माफियाओं का कहर : रात के अंधेरे में काट डाले 14 आम के हरे-भरे पेड़
पेड़ माफियाओं का आतंक
Roorkee: बुग्गावाला थाना क्षेत्र के तेलपुरा गांव में वन माफियाओं ने पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचाते हुए आम के 14 हरे-भरे पेड़ों की अवैध कटाई कर डाली। बीती रात इस घटना से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों के अनुसार बीती रात कुछ लोग चोरी-छिपे गांव के बाहर खेतों में खड़े आम के पेड़ों को काट रहे थे। शोर सुनकर गांव वालों ने तुरंत वन विभाग को सूचना दी। सूचना मिलते ही उद्यान विभाग और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और काटे गए पेड़ों को कब्जे में ले लिया।
उद्यान विभाग के इंचार्ज ने बताया पूरा मामला
उद्यान विभाग के इंचार्ज अशोक चौधरी ने बताया कि पेड़ों की अवैध कटाई के मामले में संबंधित ठेकेदार और खेत मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है। इसके साथ ही पूरी घटना की विस्तृत रिपोर्ट बनाकर उच्च अधिकारियों को भेजी जा रही है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। वहीं वन क्षेत्राधिकारी मोहन सिंह रावत ने कहा कि इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए क्षेत्र में निगरानी को और मजबूत किया जाएगा।
वन क्षेत्राधिकारी ने की ग्रामीणों से अपील
वन क्षेत्राधिकारी ने ग्रामीणों से भी अपील की कि यदि कहीं इस तरह की अवैध कटाई होती दिखे तो तुरंत प्रशासन को सूचना दें, ताकि समय रहते कड़ी कार्रवाई की जा सके। उन्होंने बताया कि लगातार हो रही पेड़ों की अवैध कटाई से न केवल गांव का पर्यावरण प्रभावित हो रहा है, बल्कि जैवविविधता को भी भारी नुकसान हो रहा है।
ग्रामीणों ने की सख्त कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों ने भी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। गांव के बुजुर्ग और युवाओं ने मिलकर वन विभाग को पूरा सहयोग देने की बात कही है। उनका कहना है कि गांव में ऐसे माफिया पहले भी पेड़ों की चोरी कर चुके हैं, लेकिन इस बार 14 पेड़ों को एक ही रात में काटना बड़ी साजिश का हिस्सा लगता है।
प्रशासन के सामने खड़ी हुई सबसे बड़ी चुनौती
इस घटना के बाद प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती वन माफियाओं पर लगाम कसने की है। अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए गांव में गश्त बढ़ाई जाएगी और वन विभाग की टीमें रात में भी सक्रिय रहेंगी। साथ ही दोषियों को कड़ी सजा दिलवाने के लिए न्यायालय में पुख्ता सबूत पेश किए जाएंगे। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले समय में गांव का हराभरा वातावरण खतरे में पड़ जाएगा।