

बाराबंकी ने अगस्त माह में 8909 राजस्व वादों का निस्तारण कर प्रदेश में पांचवां स्थान प्राप्त किया है। नवाबगंज तहसील ने सर्वाधिक मामलों का निपटारा किया। जिलाधिकारी के नेतृत्व में लंबित मामलों की संख्या तेजी से घट रही है।
जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने उपलब्धि पर संतोष जताया
Barabanki: जिले ने एक बार फिर राजस्व वादों के त्वरित और प्रभावी निस्तारण में उल्लेखनीय प्रदर्शन करते हुए उत्तर प्रदेश में पांचवां स्थान प्राप्त किया है। शासन की मंशा के अनुरूप चलाए जा रहे अभियान के तहत अगस्त माह में जनपद में कुल 8909 मामलों का निस्तारण किया गया, जिससे न्याय की प्रक्रिया में पारदर्शिता और गति दोनों को बल मिला है।
जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने इस उपलब्धि पर संतोष जताते हुए कहा कि यह सामूहिक परिश्रम और बेहतर कार्य प्रणाली का प्रतिफल है, जिससे आम नागरिकों को समयबद्ध न्याय मिल रहा है। उन्होंने सभी उप जिलाधिकारियों, तहसीलदारों, राजस्व कर्मियों और अधिवक्ताओं को इस उत्कृष्ट कार्य के लिए बधाई दी।
जनपद की सभी छह तहसीलों ने इस उपलब्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया। सबसे अधिक मामलों का निस्तारण नवाबगंज तहसील में हुआ, जहां अकेले 4485 प्रकरण निपटाए गए। इसके अलावा:
फतेहपुर में 882,
हैदरगढ़ में 1246,
सिरौलीगौसपुर में 590,
रामसनेही घाट में 773,
रामनगर में 622,
और जनपदस्तरीय न्यायालयों में 311 मामलों का निस्तारण हुआ।
इस प्रकार कुल मामलों की संख्या 8909 तक पहुंची, जो कि प्रदेश स्तर पर बाराबंकी को पांचवीं रैंक दिलाने में निर्णायक साबित हुई।
जिलाधिकारी ने बताया कि राजस्व वादों के निस्तारण में न केवल संख्या के लिहाज से प्रगति हुई है, बल्कि गुणवत्ता और पारदर्शिता के मानकों पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। इससे जनता का विश्वास राजस्व न्यायालयों पर बढ़ा है और ग्रामीण क्षेत्रों में आपसी विवादों की संख्या में भी कमी आई है।
पिछले कुछ महीनों में 5 साल से अधिक समय से लंबित मामलों के निस्तारण में भी बड़ी प्रगति हुई है। जिलाधिकारी के विशेष प्रयासों से ऐसे 2635 वादों का निपटारा कर अब मात्र 828 मामले ही शेष रह गए हैं। यह प्रयास राजस्व विवादों को न्यूनतम स्तर तक लाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं।
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शशांक त्रिपाठी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि लंबित मामलों का निस्तारण संवेदनशीलता और तत्परता से किया जाए। उन्होंने कहा कि राजस्व न्यायालयों को आदर्श रूप देने के लिए शासन द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों के अनुपालन में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।