

भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को वैश्विक दौरे पर भेजने का फैसला किया है। इसका उद्देश्य वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का पर्दाफाश करना है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
ऑपरेशन सिंदूर
नई दिल्ली: सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई अब सिर्फ सैन्य मोर्चे तक सीमित नहीं है, बल्कि अब इसे अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक मंचों पर भी पूरी ताकत से लड़ा जाएगा। भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पहल करते हुए दुनिया भर में 7 सर्वदलीय प्रतिनिधियों को भेजन का फैसला लिया है।सरकार इस पहल के जरिए 'जीरो टॉलरेंस' नीति का संदेश वैश्विक स्तर पर देना चाहती है।
ऑपरेशन सिंदूर से पहले भारत ने सर्जिकल और एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया था। हालांकि, पाकिस्तान ने इन सबसे इनकार किया और सबूत मांगे। जब सरकार ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है, तो फिर से सभी ने सोचा कि भारत मिसाइलों से पाकिस्तान पर जवाबी हमला करेगा। हां, यह इसका हिस्सा है, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर कूटनीति, युद्ध और सूचना युद्ध का एक संयुक्त अभियान है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, अब ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने एक बड़ा कूटनीतिक कदम उठाया है, इस मिशन के तहत भारत का एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल दुनिया के कुछ महत्वपूर्ण देशों का दौरा करने जा रहा है। खास बात यह है कि ये देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सदस्य हैं, और भारत की विदेश नीति और आतंकवाद के मुद्दों पर उनकी राय काफी मायने रखती है।
इसी महीने 7 सदस्य प्रतिनिधिमंडल (Delegation) अलग-अलग देशों का दौरा करेगा। उनका उद्देश्य स्पष्ट है- भारत की छवि को और मजबूत करना और सीमा पार आतंकवाद पर दुनिया के सामने भारत का पक्ष मजबूती से रखना।
ये होगा प्रतिनिधिमंडल
रविशंकर प्रसाद (भाजपा): पूर्व कानून मंत्री और संसद में अपनी जोरदार आवाज के लिए जाने जाते हैं।
शशि थरूर (कांग्रेस): अंतरराष्ट्रीय राजनीति की गहरी समझ रखने वाले वरिष्ठ नेता जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व किया है।
संजय कुमार झा (जेडीयू): वे बिहार सरकार में मंत्री रह चुके हैं और उन्हें जमीनी स्तर की राजनीति की अच्छी समझ है।
बैजयंत जय पांडा (बीजेपी) विदेश मामलों में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं।
कनिमोझी करुणानिधि (डीएमके): दक्षिण भारत की एक मजबूत आवाज और एक अनुभवी सांसद।
सुप्रिया सुले (एनसीपी): सामाजिक मुद्दों पर मुखर और अनुभवी नेता।
श्रीकांत एकनाथ शिंदे (शिवसेना): महाराष्ट्र की राजनीति से जुड़े एक युवा नेता।