

जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख और मोस्ट वांटेड आतंकी मौलाना मसूद अजहर के परिवार के 10 से ज्यादा सदस्यों के मारे जानें की खबर से पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट
मसूद अजहर के परिवार के सदस्यों की मौत
नई दिल्ली: भारत-पाकिस्तान सीमा से महज 100 किलोमीटर दूर भारतीय वायुसेना द्वारा की गई एक जबरदस्त एयरस्ट्राइक ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को फिर एक बार दुनिया के सामने स्पष्ट कर दिया है। यह हमला जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख और मोस्ट वांटेड आतंकी मौलाना मसूद अजहर के घर पर बुधवार तड़के किया गया, जिसमें उसके परिवार के 10 से ज्यादा सदस्य मारे गए। इस हमले को लेकर पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है, जबकि भारत में इसे एक बड़ी कूटनीतिक और सैन्य सफलता के रूप में देखा जा रहा है।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार, भारतीय वायुसेना ने इस हमले को उच्च स्तरीय सटीकता के साथ अंजाम दिया। सैटेलाइट इंटेलिजेंस और ड्रोन सर्विलांस के आधार पर ऑपरेशन को अंजाम दिया गया, जिससे बिना किसी नुकसान के तय लक्ष्य को पूरी तरह तबाह किया गया। यह हमला पाकिस्तान की सीमा के भीतर स्थित बहावलपुर के पास हुआ, जहां मसूद अजहर का ठिकाना लंबे समय से मौजूद था।
हालांकि भारत सरकार की ओर से इस ऑपरेशन को लेकर अभी तक आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार यह कार्रवाई पूरी तरह योजनाबद्ध और लक्षित थी। मसूद अजहर और उसका संगठन पुलवामा हमले समेत कई आतंकी घटनाओं में शामिल रहा है, और उसे संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया है।
भारत सरकार का कहना है कि मसूद हिटलिस्ट में शामिल है। आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान के इशारे पर काम करता है। मसूद अजहर का जन्म बहावलपुर पाकिस्तान में 10 जुलाई 1968 को हुआ था। उसके पिता अल्लाह बख्श शब्बीर एक स्कूल हेडमास्टर और दारुल उलूम दीवानिया के मौलवी थे। वह 11 भाई-बहन हैं जिसमें वह में तीसरे नंबर पर है। मसूद ने कराची के जमिया उलूम-उल-इस्लामिया मदरसे में पढ़ाई की, जहां उसने कट्टरपंथी विचार अपनाया। वह पहले हरकत-उल-मुजाहिदीन (HuM) से जुड़ा, जो अफगानिस्तान में सोवियत सेना के खिलाफ जिहाद लड़ता था।
एयरस्ट्राइक में मारे गए लोगों में मसूद अजहर की बहन और उसके परिवार के कई सदस्य शामिल हैं। वहीं, जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी नेटवर्क से जुड़े कई अन्य लोग भी इस हमले में हताहत हुए हैं। मसूद अजहर ने कथित तौर पर सिर्फ 10 मौतों की पुष्टि की है, लेकिन स्थानीय मीडिया का दावा है कि मृतकों की संख्या 14 तक पहुंच चुकी है।
मसूद अजहर को जून 2024 में आखिरी बार सार्वजनिक रूप से दिखा था। उसका परिवार, खासकर उसके भाई अब्दुल रऊफ और इब्राहिम, JeM की आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है। भारत ने जिस अंदाज में ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया है, उसके बाद मसूद का गढ़ हिल गया है।
इस हमले के बाद पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है। सुरक्षा विश्लेषकों का मानना है कि इस ऑपरेशन के जरिए भारत ने साफ संदेश दिया है कि आतंकवाद को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे वह सीमा पार ही क्यों न हो।