Delhi Blast: लाल किला ब्लास्ट की साजिश का पर्दाफाश, तुर्किए में हुई मीटिंग; डॉक्टरों ने इस App से रचा था पूरा प्लान

फरीदाबाद-सहारनपुर आतंकी मॉड्यूल की जाँच से पता चला है कि जैश-ए-मोहम्मद के आरोपी डॉक्टर मुज़म्मिल और उमर एन्क्रिप्टेड “सेशन” ऐप के ज़रिए अपने आकाओं से संपर्क में थे। इस ऐप के लिए मोबाइल नंबर या सेव चैट डेटा की ज़रूरत नहीं होती।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 13 November 2025, 10:56 AM IST
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New Delhi: दिल्ली धमाकों के बाद से, जाँच एजेंसियाँ फरीदाबाद-सहारनपुर आतंकी मॉड्यूल के तार जोड़ने में लगातार जुटी हुई हैं। अब इस जाँच में एक बड़ा खुलासा हुआ है। सूत्रों के अनुसार जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती मॉड्यूल के आरोपी डॉ. मुज़म्मिल और डॉ. उमर अपने आकाओं से बात करने के लिए "सेशन" नामक एक एन्क्रिप्टेड मैसेंजर ऐप का इस्तेमाल करते थे। यह ऐप पूरी तरह से गुमनाम है इसमें अकाउंट बनाने के लिए मोबाइल नंबर की आवश्यकता नहीं होती है और इसमें कोई चैट मेटाडेटा सेव नहीं होता है।

सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार डॉ. मुज़म्मिल ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि जैश से जुड़ने के शुरुआती दिनों में, वह "अबू उक्का" नाम के एक हैंडलर से बात करता था, जो एक वर्चुअल तुर्की नंबर का इस्तेमाल करता था। शुरुआत में वह +90 कोड वाले नंबर से व्हाट्सएप पर बात करता था, लेकिन बाद में, अबू उक्का ने उसे और डॉ. उमर को "सेशन" ऐप पर स्विच करने के लिए कहा ताकि उनकी बातचीत कभी भी ट्रैक न हो सके।

Umar was the mastermind of the Delhi blasts

दिल्ली ब्लास्ट का मास्टरमाइंड था उमर

मुलाकात स्थल के रूप में तुर्की को ही क्यों चुना गया?

डॉ. मुज़म्मिल के अनुसार जब 2022 में दोनों डॉक्टर जैश-ए-मोहम्मद के संपर्क में आए, तो तुर्की को बैठक स्थल के रूप में चुना गया था। उन्होंने बताया कि यह निर्णय संदेह से बचने और पाकिस्तान या जैश से किसी भी सीधे संबंध को रोकने के लिए लिया गया था। तुर्की स्थित यह हैंडलर, अबू उक्सा, एक वर्चुअल नंबर से भी काम करता था। संगठन के अन्य हैंडलर भी बैठक में मौजूद थे। एजेंसियों का मानना ​​है कि यह बैठक जैश की आत्मघाती नेटवर्क का विस्तार करने की रणनीति का हिस्सा थी।

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दो टेलीग्राम समूहों से जुड़ा मॉड्यूल

जांच में यह भी पता चला है कि डॉक्टरों से जुड़ा यह हाइब्रिड आतंकवादी मॉड्यूल दो टेलीग्राम समूहों: "उमर बिन ख़िताब" और "फ़रज़ान दारुल उलूम" में सक्रिय रूप से शामिल था। ये समूह जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मौलाना मसूद अज़हर के पुराने भाषण, जिहाद से संबंधित सामग्री और आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले संदेश साझा करते थे।

एजेंसियों को संदेह है कि ये समूह जैश-ए-मोहम्मद के प्रचार और भर्ती नेटवर्क का हिस्सा हैं, जिसके माध्यम से संगठन युवा पेशेवरों को लुभा रहा था।

इस ऐप की वजह से जाँच एजेंसियाँ मुश्किल में

सेशन ऐप पूरी तरह से विकेंद्रीकृत नेटवर्क पर काम करता है, इसलिए किसी भी सर्वर पर चैट या कॉल का डेटा संग्रहीत नहीं होता है। यही वजह है कि एजेंसियों को आरोपी डॉक्टरों की डिजिटल बातचीत का रिकॉर्ड इकट्ठा करने में दिक्कत आ रही है।

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एनआईए और इंटेलिजेंस ब्यूरो फिलहाल इस नेटवर्क के अन्य संभावित सदस्यों की तलाश कर रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों का मानना ​​है कि यह मॉड्यूल दिल्ली बम धमाकों की साजिश में भी शामिल था, जिसमें 12 लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हुए थे।

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  • New Delhi

Published : 
  • 13 November 2025, 10:56 AM IST