

हिमालयी क्षेत्रों में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। हथिनीकुंड बैराज के सभी 18 गेट खोल दिए गए हैं, जिससे दिल्ली में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया है।
यमुना का जलस्तर खतरे के पार
New Delhi: उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में हो रही भारी बारिश का असर अब मैदानी क्षेत्रों में भी दिखने लगा है। हरियाणा के यमुनानगर स्थित हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया है। सोमवार दोपहर तक जलस्तर इतना बढ़ गया कि बैराज के सभी 18 गेट खोलने पड़े। रविवार को 1.79 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जबकि सोमवार को यह आंकड़ा बढ़कर 1.80 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया।
दिल्ली में यमुना खतरे के निशान से ऊपर
सोमवार शाम 7 बजे तक दिल्ली में यमुना का जलस्तर 205.59 मीटर तक पहुंच गया था, जो खतरे के निशान से ऊपर है। यदि यह जलस्तर 206 मीटर पार करता है, तो दिल्ली में बाढ़ घोषित की जाती है। इसके मद्देनज़र प्रशासन ने यमुना के बाढ़ क्षेत्रों से लोगों को निकालना शुरू कर दिया है।
जलस्तर का समयानुसार रिकॉर्ड:
• सुबह 10 बजे: 205.03 मीटर
• सुबह 11 बजे: 205.15 मीटर
• दोपहर 2 बजे: 205.36 मीटर
• शाम 6 बजे: 205.55 मीटर
• शाम 7 बजे: 205.59 मीटर
राहत और बचाव कार्य जारी
दिल्ली पुलिस, डीडीएमए और अन्य एजेंसियों ने यमुना किनारे की झुग्गियों में सर्च ऑपरेशन चलाया और सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। पूर्वी दिल्ली में गीता कॉलोनी के पास बने केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से 24 घंटे जलस्तर की निगरानी की जा रही है। बोट क्लब में 24 नावें, गोताखोरों की टीम, स्वास्थ्य विभाग और PWD की टीमें अलर्ट पर हैं। 15 वायरलेस स्टेशन लगाए गए हैं जो जलस्तर और जलभराव पर नजर रख रहे हैं।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने की ग्राउंड जीरो से निगरानी
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को यमुना किनारे स्थित विभिन्न इलाकों का दौरा कर स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने असीता घाट, यमुना छठ घाट, डीएम ईस्ट कार्यालय, 12 नंबर रेगुलेटर और केंद्रीय कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री प्रवेश साहिब सिंह भी उनके साथ मौजूद थे। सीएम ने बताया कि यमुना के फ्लडप्लेन में रह रहे लोगों को पहले ही चेतावनी देकर निकाला जा चुका है और सभी तैयारियां पूरी हैं।
14 स्थानों पर नावें तैनात
सरकार ने दिल्ली में 14 प्रमुख स्थानों पर नावों की तैनाती की है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में राहत पहुंचाई जा सके। इसके अलावा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि यमुना का पानी मुख्य सड़कों तक न पहुंचे और ट्रैफिक व्यवस्था प्रभावित न हो। सभी रेगुलेटर्स को पूरी क्षमता के साथ चालू रखा गया है, और नालों की डी-सिल्टिंग पहले से ही पूरी कर दी गई है।
जल निकासी की रफ्तार बेहतर
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार पानी की निकासी तेज़ गति से हो रही है। पहले के मुकाबले यमुना का पानी बिना अवरोध के आगे बढ़ रहा है, जिससे जलभराव की संभावना कम है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 2023 में जब यमुना का जलस्तर 208.6 मीटर तक पहुंच गया था, तब दिल्ली को भारी बाढ़ का सामना करना पड़ा था। लेकिन इस बार सभी जरूरी तैयारियां पहले से की जा चुकी हैं।
आईटीओ बैराज पूरी तरह क्रियाशील
रेखा गुप्ता ने बताया कि अगस्त 2023 की बाढ़ के दौरान आईटीओ बैराज के गेट बंद और जाम थे, जिससे पानी का बहाव बाधित हुआ था। इस बार सभी गेट पहले से साफ कर दिए गए हैं और नियमित संचालन में हैं। नालों की सफाई और बैराज प्रबंधन में सरकार ने किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती है।