

भारत की रफ्तार अब पुराने रास्तों पर नहीं, बल्कि सुपरफास्ट एक्सप्रेसवे पर दौड़ रही है। दिल्ली से मुंबई, मुंबई से नागपुर और बेंगलुरु से मैसूर—ये सफर अब आधे समय में! जानिए कौन-सा एक्सप्रेसवे है सबसे तेज़, कितनी है स्पीड लिमिट, और कहाँ से कहाँ ले जाता है ये हाई-स्पीड जाल?
भारत के टॉप एक्सप्रेसवे (सोर्स इंटरनेट)
New Delhi: देश की सड़कें अब सिर्फ रास्ता नहीं, रफ्तार की पहचान बनती जा रही हैं। भारत में बीते कुछ वर्षों में एक्सप्रेसवे का तेजी से विकास हुआ है, जिसने एक ओर जहां दूरी को घटाया है, वहीं दूसरी ओर देश की आर्थिक और लॉजिस्टिक ताकत को भी बढ़ाया है। आइए जानते हैं भारत के 5 प्रमुख और सबसे तेज़ एक्सप्रेसवे के बारे में, जो सफर को आसान, सुरक्षित और सुपरफास्ट बना रहे हैं।
भारत का सबसे लंबा और बहुचर्चित एक्सप्रेसवे – दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे – करीब 1350 किमी लंबा है। यह आठ लेन का एक्सप्रेसवे भविष्य में 12 लेन तक विस्तारित किया जा सकता है। पहले जहां दिल्ली से मुंबई का सफर 24 घंटे का होता था, अब यह सिर्फ 12 घंटे में पूरा किया जा सकता है। इसकी स्पीड लिमिट 120 किमी/घंटा है, जो इसे भारत का सबसे तेज़ रूट बनाता है।
दिल्ली के चारों ओर बना यह 135 किमी लंबा एक्सप्रेसवे, कुंडली से पलवल को जोड़ता है। यह नोएडा, फरीदाबाद, गाजियाबाद और बागपत होते हुए दिल्ली के ट्रैफिक को बायपास करता है। इसकी स्पीड लिमिट भी 120 किमी/घंटा तय की गई है, जिससे भारी वाहनों और लंबी दूरी के यात्रियों को राहत मिलती है।
701 किमी लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, जिसे समृद्धि महामार्ग भी कहा जाता है, मुंबई के जेएनपीटी से नागपुर के एमआईएचएएन को जोड़ता है। यह भारत के सबसे आधुनिक और सुरक्षित एक्सप्रेसवे में से एक है। अब मुंबई से नागपुर का सफर सिर्फ 8 घंटे में तय किया जा सकता है। अधिकतम गति सीमा 120 किमी/घंटा है।
119 किमी लंबा यह छह लेन एक्सप्रेसवे, एनएच-275 का हिस्सा है, जो बेंगलुरु को मैसूर से जोड़ता है। इसमें 3.5 किमी का एलिवेटेड सेक्शन भी शामिल है। यहां अधिकतम स्पीड लिमिट 100 किमी/घंटा है। भविष्य में इसे 10 लेन तक बढ़ाया जा सकता है।
ग्रेटर नोएडा से आगरा तक फैला यह 165 किमी लंबा ताज एक्सप्रेसवे, दिल्ली से आगरा की दूरी को सिर्फ 2.5 घंटे में पूरा कर देता है। आम दिनों में स्पीड लिमिट 100 किमी/घंटा है, जबकि धुंध के समय में इसे घटाकर 60–70 किमी/घंटा कर दिया जाता है।