

पीएम मोदी ने शुभांशु शुक्ला के साथ अपनी बातचीत का वीडियो अपने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर पोस्ट किया, जो काफी वायरल हो रहा है। यहां जानें पीएम मोदी ने क्या बात की
शुभांशु शुक्ला
New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शनिवार को ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से बात की, जो वर्तमान में नासा के एक्सिओम 4 मिशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की यात्रा पर हैं। बता दें कि पीएम मोदी ने शुभांशु शुक्ला के साथ अपनी बातचीत का वीडियो अपने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर पोस्ट किया और इस बारे में यह जानकारी दी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी ने शुभांशु शुक्ला से पूछा कि आपके नाम में शुभ है और आपकी यात्रा भी एक नए युग की शुभ शुरुआत है। पीएम ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि अंतरिक्ष में भारत का झंडा लहराने के लिए मैं आपको हार्दिक बधाई देता हूं।
पीएम मोदी और सुभांशु शुक्ला की बातचीत
पीएम मोदी ने शुभांशु शुक्ला से पूछा कि क्या वहां सब ठीक है? जिसमें शुभांशु शुक्ला ने जवाब दिया कि मैं बिल्कुल ठीक हूं। मेरे लिए यह एक नया अनुभव है। यह यात्रा सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि पूरे देश की है। जब मैं छोटा था, तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं अंतरिक्ष यात्री बन पाऊंगा।
पीएम ने गाजर के हलवे के बारे में पूछा
इसके बाद पीएम ने शुभांशु शुक्ला से पूछा कि क्या आपने अपने साथ लाए गाजर के हलवे को अपने साथियों को खिलाया? इस पर शुभांशु शुक्ला ने मुस्कुराते हुए कहा कि मैं चाहता था कि मेरे साथी इसे चखें। हम सबने साथ बैठकर खाया और सभी को यह बहुत पसंद आया।
एक दिन में 16 बार सूर्योदय
पीएम मोदी ने शुभांशु शुक्ला से पूछा कि आपको पृथ्वी की परिक्रमा करने का सौभाग्य मिला है। आप अभी पृथ्वी के किस हिस्से से गुजर रहे हैं? इस पर शुभांशु शुक्ला ने कहा कि अभी कुछ देर पहले हम हवाई के ऊपर से गुजर रहे थे। हमने एक दिन में 16 बार परिक्रमा की हैं और 16 बार सूर्योदय परिक्रमा करते हुए देखा है।
शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले देश के पहले अंतरिक्ष यात्री हैं। वे एक्सिओम मिशन के लिए आईएसएस पहुंचे हैं। उनके साथ पोलैंड, हंगरी और अमेरिका के अंतरिक्ष यात्री भी हैं।
भारत के लिए गौरव का क्षण
शुभांशु शुक्ला की यह उड़ान भारत के लिए एक नई शुरुआत है। इसरो पहले से ही चंद्रयान और गगनयान जैसे मिशनों से देश को गौरवान्वित कर रहा है, वहीं अब निजी और अंतरराष्ट्रीय सहयोग से भारतीय वैज्ञानिकों और यात्रियों को वैश्विक मंच पर अवसर मिल रहे हैं। शुभांशु की यह यात्रा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायी साबित होगी।