सेमीकॉन इंडिया-2025: भारत को सेमीकंडक्टर महाशक्ति बनाने की ओर बड़ा कदम, यशोभूमि से मिली नई उड़ान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नई दिल्ली के यशोभूमि में सेमीकॉन इंडिया-2025 का उद्घाटन करेंगे। यह आयोजन भारत के सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र को वैश्विक मंच पर मजबूत करने की दिशा में सबसे बड़ा कदम माना जा रहा है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 2 September 2025, 8:28 AM IST
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New Delhi: नई दिल्ली के यशोभूमि में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेमीकॉन इंडिया-2025 का उद्घाटन किया। यह सम्मेलन भारत का अब तक का सबसे बड़ा सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स शो है। प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, मोदी बुधवार सुबह सीईओ गोलमेज सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे। तीन दिनों तक चलने वाला यह आयोजन भारत की सेमीकंडक्टर यात्रा में ऐतिहासिक साबित हो सकता है।
सम्मेलन का क्या है महत्व?
यह चौथा संस्करण भारत को एक मजबूत, लचीला और टिकाऊ सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम देने पर केंद्रित है। आधुनिक तकनीक में सेमीकंडक्टर की भूमिका इतनी अहम है कि इन्हें डिजिटल अर्थव्यवस्था का हृदय कहा जाता है। स्वास्थ्य, रक्षा, अंतरिक्ष, संचार और परिवहन जैसे सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों में इनकी जरूरत बढ़ती जा रही है। जैसे-जैसे दुनिया डिजिटलीकरण और ऑटोमेशन की ओर बढ़ रही है, सेमीकंडक्टर किसी भी देश की आर्थिक सुरक्षा और रणनीतिक स्वतंत्रता का आधार बन गए हैं।

सेमीकॉन इंडिया-2025

सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री पर होगा बड़ा फोकस
• सेमीकंडक्टर फैब और एडवांस पैकेजिंग
• स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
• रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D)
• डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव (DLI) योजना
• स्टार्टअप इकोसिस्टम की प्रगति और अंतरराष्ट्रीय सहयोग
वैश्विक सहभागिता और निवेश की संभावनाएं
इस सम्मेलन की खासियत इसमें शामिल होने वाली अंतरराष्ट्रीय भागीदारी है। 33 देशों से आए प्रतिनिधियों के बीच 150 से अधिक वक्ता और 50 से ज्यादा वैश्विक नेता अपने विचार साझा करेंगे। साथ ही 350 से अधिक प्रदर्शक अपनी तकनीकी क्षमताएं और भविष्य की संभावनाएं प्रस्तुत करेंगे। छह देशों की राउंडटेबल चर्चाएं होंगी, जिनमें सहयोग और निवेश के नए अवसर तलाशे जाएंगे। स्टार्टअप और वर्कफोर्स डेवलपमेंट के लिए विशेष पवेलियन भी इस आयोजन का हिस्सा है। यह न केवल नई तकनीकों का प्रदर्शन करेगा बल्कि भारत के युवा इंजीनियरों और शोधकर्ताओं के लिए रोजगार और अवसरों के द्वार खोलेगा।
चार साल में सपना साकार
भारत ने केवल चार वर्षों में सेमीकंडक्टर मिशन को नई दिशा दी है। 2021 में इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) की शुरुआत हुई थी और तब से लेकर अब तक भारत ने कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। सरकार ने इस क्षेत्र को मजबूती देने के लिए 76,000 करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना भी शुरू की है। यह योजना न केवल निवेश आकर्षित कर रही है बल्कि स्थानीय विनिर्माण और डिजाइन क्षमता को भी बढ़ावा दे रही है। इसके जरिए भारत सेमीकंडक्टर उत्पादन और तकनीकी अनुसंधान में आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़ रहा है।
पीएम मोदी की दृष्टि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई मौकों पर यह स्पष्ट किया है कि “भारत को केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि उत्पादक राष्ट्र बनना है।” सेमीकंडक्टर क्षेत्र इस दृष्टि का अहम हिस्सा है। मोदी के अनुसार, यदि भारत को वैश्विक सप्लाई चेन में बड़ी भूमिका निभानी है, तो सेमीकंडक्टर में आत्मनिर्भर होना आवश्यक है।
सेमीकॉन इंडिया-2025 का महत्व
• यह आयोजन भारत को वैश्विक निवेशकों और टेक्नोलॉजी दिग्गजों से जोड़ता है।
• घरेलू स्टार्टअप्स को नवाचार और निवेश दोनों का अवसर मिलता है।
• यह भारत की रणनीतिक ताकत को बढ़ाता है और चीन, अमेरिका, दक्षिण कोरिया जैसे देशों की बराबरी में खड़ा करता है।
• इससे भारत का लक्ष्य है कि अगले कुछ वर्षों में वह सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन का केंद्र बन सके।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 2 September 2025, 8:28 AM IST