अचानक इस्तीफे से सियासी हलचल: नया उपराष्ट्रपति बनने तक कौन संभालेगा कार्यभार? सियासी गलियारों में मची हलचल

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार देर शाम स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। यह इस्तीफा संसद के मानसून सत्र की शुरुआत के बीच आया है। संविधान के अनुसार, 60 दिनों के भीतर नए उपराष्ट्रपति का चुनाव कराया जाएगा। तब तक राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह कार्यवाहक सभापति की भूमिका निभाएंगे।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 22 July 2025, 8:09 AM IST
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New Delhi: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार देर शाम अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने त्यागपत्र में स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है। यह इस्तीफा ऐसे समय आया है जब संसद का मानसून सत्र अभी प्रारंभ ही हुआ था। उपराष्ट्रपति का पद भारतीय गणराज्य में राष्ट्रपति के बाद सबसे महत्वपूर्ण और संवैधानिक दृष्टि से अत्यंत प्रतिष्ठित होता है। इस वजह से इस इस्तीफे ने न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, बल्कि संवैधानिक प्रक्रियाओं पर भी चर्चा को जन्म दे दिया है।

उपराष्ट्रपति का पद क्यों होता है अहम?

भारतीय संविधान के अनुसार, उपराष्ट्रपति का पद न केवल राष्ट्रपति का उत्तराधिकारी होता है, बल्कि वह राज्यसभा का सभापति भी होता है। संसद की कार्यवाही को नियंत्रित करने, नियमों का पालन कराने और बहस की मर्यादा बनाए रखने में इस पद की अहम भूमिका होती है। यदि कभी राष्ट्रपति का पद खाली हो जाए या राष्ट्रपति किसी कारणवश कार्य करने में असमर्थ हो तो उपराष्ट्रपति कार्यकारी राष्ट्रपति के रूप में जिम्मेदारी निभाता है।

उपराष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है?

उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य मिलकर करते हैं। इसमें निर्वाचित और मनोनीत सदस्य दोनों हिस्सा लेते हैं। यह चुनाव सिंगल ट्रांसफरेबल वोट प्रणाली से होता है, जहां मतदाता (सांसद) अपनी प्राथमिकता के अनुसार उम्मीदवारों को रैंक करते हैं। जिस उम्मीदवार को बहुमत की आवश्यकता होती है, वह पहले राउंड में न मिलने पर मतों का स्थानांतरण होता है।

60 दिनों में चुनाव कराना जरूरी

अगर उपराष्ट्रपति अपने पद से इस्तीफा दे देता है या अन्य किसी कारण से पद खाली हो जाता है, तो भारतीय संविधान के अनुसार 60 दिनों के भीतर इस पद के लिए नया चुनाव कराया जाना अनिवार्य है। इस समय सीमा में चुनाव आयोग को प्रक्रिया शुरू करनी होती है और संसद को नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की तैयारी करनी होती है। राष्ट्रपति चुनाव की तुलना में यह चुनाव अपेक्षाकृत कम जटिल होता है, क्योंकि केवल सांसद ही इसमें मतदाता होते हैं।

तब तक कौन करेगा कार्यभार?

जब तक नया उपराष्ट्रपति निर्वाचित नहीं हो जाता, तब तक राज्यसभा के उपसभापति कार्यवाहक सभापति के रूप में कार्य करते हैं। वर्तमान में यह जिम्मेदारी हरिवंश नारायण सिंह के पास है, जो उपसभापति के पद पर हैं। जब तक नए उपराष्ट्रपति का चुनाव नहीं होता, तब तक वे ही राज्यसभा की कार्यवाही को संचालित करेंगे।

आगे क्या होगा?

अब चुनाव आयोग को उपराष्ट्रपति पद की रिक्ति की सूचना के आधार पर आगामी चुनाव की तारीखों की घोषणा करनी होगी। यह चुनाव मानसून सत्र के दौरान या उसके तुरंत बाद कराए जा सकते हैं, ताकि संसद के शीतकालीन सत्र से पहले नया उपराष्ट्रपति पदभार ग्रहण कर सके।

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