

उत्तरी कश्मीर के नौगाम सेक्टर में पाकिस्तान ने 40 मिनट तक सीजफायर का उल्लंघन करते हुए अंधाधुंध गोलाबारी की। भारतीय सेना ने संयम बरतने के बाद कड़ा जवाब दिया और दुश्मन की निगरानी चौकी को नुकसान पहुँचाया। घटना के बाद दोनों तरफ से जवाबी कार्रवाई और सतर्कता जारी रही।
नौगाम सेक्टर में पाकिस्तानी सेना का सीजफायर उल्लंघन (फाइल फोटो)
श्रीनगर: शनिवार रात को पाकिस्तानी सेना ने उत्तरी कश्मीर के नौगाम सेक्टर (कुपवाड़ा) में सीजफायर का उल्लंघन करते हुए अकारण गोलाबारी की। यह दुस्साहस सऊदी अरब के साथ पाकिस्तान के रक्षा समझौते के ठीक एक दिन बाद हुआ। भारतीय सैनिकों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई करते हुए दुश्मन की निगरानी चौकी को भारी नुकसान पहुंचाया।
सूत्रों के मुताबिक, शाम लगभग साढ़े पांच बजे पाकिस्तानी सेना ने नौगाम सेक्टर के तूतमार गली में स्थित भारतीय चौकियों पर गोलाबारी शुरू की। भारतीय जवानों ने शुरुआत में संयम बरता, लेकिन गोलाबारी बढ़ने पर उन्होंने जवाबी फायर किया। दोनों तरफ लगभग 40 मिनट तक भीषण गोलाबारी जारी रही। रात करीब साढ़े नौ बजे पाकिस्तानी सेना ने फिर गोलाबारी शुरू की, जिसे भारतीय जवानों ने कड़ा जवाब देकर नाकाम किया।
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भारतीय सेना के जवाबी प्रहार में पाकिस्तानी सेना की एक निगरानी चौकी को काफी नुकसान पहुंचा। तूतमार गली के सामने एलओसी के पार स्थित इलाके को लीपा घाटी कहा जाता है।
इससे पहले, उधमपुर जिले के सियोजधार जंगल में शुक्रवार देर शाम आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ में लांस दफादार बलदेव चंद घायल हो गए। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने शनिवार सुबह वीरगति प्राप्त की। सुरक्षाबल ने आतंकियों को खोजने के लिए पूरे क्षेत्र में घेराबंदी और तलाशी अभियान जारी रखा। डोडा और उधमपुर से अतिरिक्त बल भी भेजे गए। ऑपरेशन में ड्रोन और खोजी श्वानों की मदद ली जा रही है।
व्हाइट नाइट कार्प्स के जनरल आफिसर कमांडिंग (GOC) और सभी रैंक ने बलिदानी लांस दफादार बलदेव चंद को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि राष्ट्र उनके अदम्य साहस और कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्धता के लिए हमेशा ऋणी रहेगा। इस दुख की घड़ी में बलिदानी के परिवार के साथ पूरी एकजुटता दिखाई जा रही है।
इस प्रकार, नौगाम सेक्टर में पाकिस्तानी सीजफायर उल्लंघन और उधमपुर में आतंकवाद विरोधी अभियान ने कश्मीर और जम्मू में सुरक्षा की स्थिति को फिर से हिला दिया। वीर बलिदानी जवानों की शहादत ने देशवासियों के बीच एकजुटता और साहस की भावना को मजबूत किया।