

आतंकी हमले के बाद आम लोग सड़कों पर उतरे और 35 साल बाद आतंकी हमलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
35 साल बाद कश्मीर घाटी में बंद
जम्मू: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत कर दी गई है। इस हमले ने न सिर्फ कश्मीर घाटी बल्कि पूरे देश में सुरक्षा पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं। हमले की गंभीरता को देखते हुए रक्षा मंत्रालय ने सेना की सभी इकाइयों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही नियंत्रण रेखा (एलओसी) से लेकर घाटी के अंदरूनी इलाकों तक निगरानी बढ़ा दी गई है। खुफिया रिपोर्टों के आधार पर सुरक्षा बलों को हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखने की सलाह दी गई है।
सेना को अलर्ट पर रखने के आदेश
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बलों की हर गतिविधि पर खास नजर रखी जा रही है। रक्षा मंत्रालय ने सेना की सभी इकाइयों को बेहद सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तैनात जवानों को किसी भी अप्रत्याशित स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। खास तौर पर एलओसी के पास और कश्मीर घाटी के अंदरूनी इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। इसके अलावा संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ा दी गई है और हर संदिग्ध गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
35 साल बाद कश्मीर घाटी में बंद
आतंकी हमले के बाद कश्मीर घाटी में 35 साल बाद हुए आतंकी हमलों के खिलाफ आम लोग सड़कों पर उतर आए और विरोध प्रदर्शन किया। विभिन्न शहरों में लोग सड़कों पर उतरे और आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाई। कश्मीर के लोगों ने इस हमले पर गहरा आक्रोश और गुस्सा जाहिर किया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वे शांति और सुरक्षा चाहते हैं और आतंकवाद के खिलाफ उनकी आवाज और संघर्ष जारी रहेगा। हमले के विरोध में कश्मीर के प्रमुख शहरों में बंद का आयोजन किया गया। बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा, स्कूल-कॉलेज बंद रहे और सार्वजनिक परिवहन भी नहीं चला। यह पहली बार था जब कश्मीर घाटी में आतंकी हमलों के खिलाफ व्यापक बंद और विरोध प्रदर्शन हुआ। स्थानीय लोगों का कहना है कि वे अपने जीवन में फिर से शांति चाहते हैं और इस तरह के हमले उनके विश्वास को नहीं तोड़ पाएंगे।
गृह मंत्री का घटनास्थल पर दौरा
आतंकी हमले की जांच और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने खुद घटनास्थल का दौरा किया। रविवार सुबह गृह मंत्री अमित शाह पहलगाम पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। अमित शाह ने वहां के हालात का जायजा लिया और अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। उनका यह दौरा कश्मीर घाटी में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
आतंकवादियों की पहचान और जांच
पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जांच में कई अहम तथ्य सामने आए हैं। अब तक की जांच में पता चला है कि हमलावर सेना जैसी वर्दी पहने हुए थे और अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे। उनके पास अमेरिकी एम4 कार्बाइन और एके-47 राइफलें थीं। मौके से करीब 50 से 70 राउंड गोलियां बरामद की गई हैं। पुलिस और सुरक्षा बलों ने इन आतंकियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है। अब मामले की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भी उतर गई है और उसकी विशेष टीम हमले के कारणों और जिम्मेदार आतंकियों की पहचान करने में जुटी है।