

मौजूदा व्यवस्था के तहत गर्मियों में महिलाएं रात 9 बजे के बाद काम नहीं कर सकती थीं और सर्दियों में यह सीमा रात 8 बजे तक की थी। इन प्रतिबंधों के कारण कई महिलाओं को रात्रि पालियों में काम करने के अवसरों से वंचित रहना पड़ता था। खासकर उन क्षेत्रों में जहां 24 घंटे सेवाएं दी जाती हैं जैसे कि बीपीओ, ई-कॉमर्स, हॉस्पिटैलिटी और हेल्थकेयर।
Delhi CM Rekha Gupta
New Delhi: देश की राजधानी दिल्ली में अब महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति मिल सकती है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस संबंध में एक ऐतिहासिक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। जिससे महिला कर्मचारियों को दुकानों, निजी कंपनियों और कॉमर्शियल प्रतिष्ठानों में 24 घंटे और सप्ताह के सातों दिन कार्य करने की छूट मिल सकेगी। यह प्रस्ताव अब अंतिम अनुमोदन के लिए उपराज्यपाल (एलजी) को भेजा जाएगा। यह फैसला दिल्ली दुकान एवं स्थापना अधिनियम, 1954 में बदलाव के तहत लिया गया है। जिसके बाद दिल्ली में कामकाजी महिलाओं के लिए रोजगार के अवसरों के नए द्वार खुल सकते हैं।
अब तक क्या था नियम?
मौजूदा व्यवस्था के तहत गर्मियों में महिलाएं रात 9 बजे के बाद काम नहीं कर सकती थीं और सर्दियों में यह सीमा रात 8 बजे तक की थी। इन प्रतिबंधों के कारण कई महिलाओं को रात्रि पालियों में काम करने के अवसरों से वंचित रहना पड़ता था। खासकर उन क्षेत्रों में जहां 24 घंटे सेवाएं दी जाती हैं जैसे कि बीपीओ, ई-कॉमर्स, हॉस्पिटैलिटी और हेल्थकेयर।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने प्रस्ताव पर मुहर लगाने के बाद कहा, "दिल्ली को एक ग्लोबल बिजनेस हब बनाना है तो हमें अपनी कार्य संस्कृति को लचीला बनाना होगा। महिलाओं को 24x7 काम करने की आज़ादी देना उनके अधिकारों और आर्थिक भागीदारी को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम है।" उन्होंने कहा कि इस फैसले से महिलाओं की वर्क फोर्स में भागीदारी बढ़ेगी, इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा और दिल्ली की आर्थिक गतिविधियां अधिक सक्रिय होंगी।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए होंगे ये विशेष प्रावधान
सहमति अनिवार्य: संस्थानों को महिला कर्मचारियों की नाइट शिफ्ट में नियुक्ति से पहले लिखित सहमति लेनी होगी।
सुरक्षित परिवहन व्यवस्था: रात में कार्य करने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित और ट्रैक किए जा सकने वाले वाहन उपलब्ध कराने होंगे।
सीसीटीवी और सुरक्षा गार्ड: कार्यस्थलों पर सीसीटीवी कैमरे, महिला सुरक्षा गार्ड, और प्राकृतिक आपदा या आपात स्थिति से निपटने की तैयारियां अनिवार्य होंगी।
POSH एक्ट का पालन: प्रत्येक संस्था को यौन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम (POSH) के तहत आंतरिक शिकायत समिति (ICC) का गठन करना होगा।
कर्मचारियों के लिए श्रम लाभ भी अनिवार्य
अन्य राज्यों से तुलना
मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों में पहले से ही महिलाओं को नाइट शिफ्ट में कार्य करने की अनुमति दी गई है। अब दिल्ली भी इस श्रेणी में शामिल होकर प्रगतिशील और समावेशी कार्य संस्कृति को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
दिल्ली को 24x7 बिजनेस हब बनाने की तैयारी
यह निर्णय राजधानी को 24x7 काम करने वाले वैश्विक शहरों की श्रेणी में लाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। विशेष रूप से बीपीओ, कस्टमर सर्विस, टेक स्टार्टअप और हेल्थकेयर जैसे क्षेत्रों में यह बदलाव महिला पेशेवरों के लिए अवसरों की बहार लाएगा।