

जम्मू-कश्मीर के मशहूर पर्यटक स्थल जिसे ‘मिनी स्विट्जरलैंड’के नाम से भी जाना जाता है, वहां घूमने गये टूरिस्टों को आतंकियों ने अपना निशाना बनाया । मामले की पूरी जानकारी के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट
आतंकवादियों ने टूरिस्टों को बनाया निशाना
पहलगाम: जम्मू-कश्मीर में मंगलवार को जिन लोगों को निशाना बनाया है उसमें ज्यादातर टूरिस्ट शामिल हैं। मुख्यमंत्री अमर अब्दुल्ला ने इसे हाल ही के वर्षों में आम लोगों पर सबसे बड़ा हमला बताया है। साथ उन्होंने बताया कि लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिये गये हैं। यह हमला घाटी में सबसे घातक आंतकी हमलों में से एक था। इस हमले में अब तक लगभग 28 मौतें हो चुकी हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस हमले में टूरिस्टों के साथ स्थानीय लोग भी घायल हुए। इसी हमले में कानपुर से शुभम की भी हत्या की ख़बर सामने आई है। जिनकी अभी नई- नई शादी हुई थी, वे अपनी पत्नी ऐशन्या के साथ घुमने के लिए गए हुए थे। इस नवदंपति के रिश्तों की डोर मात्र 70 दिनों में ही टूट गई। आतंकियों के सामने पत्नी ऐशन्या अपने सुहाग को बचाने के लिए हाथ जोड़े लेकिन आतंकियों के दहशत की वजह से मुंह से शब्द ही न निकल सके। उसके आंखों के सामने ही उसके पति की हत्या कर दी गई।
शुभम के हत्या की जानकारी जैसे ही गांव में पहुंची, परिवार में चीखपुकार मच गई। हत्या की जानकारी मृतक के चाचा मनोज द्विवेदी ने गांव में रह रहे लोगों को दी। जिसके बाद पुश्तैनी घर में सन्नाटा पसरा था। घटना की जानकारी मिलते ही लोग श्यामनगर पहुंच गए। वहीं, उनके भाई मनोज कुछ दूरी पर स्थित विनायत इन्कलेव में रिश्तेदारों के साथ क्षेत्र के लोग पहुंच गये। इसके साथ ही मारे गये लोगों में कर्नाटक के व्यवसायी मंजूनाथ राव और महाराष्ट्र और गुजरात के पर्यटक भी शामिल थे। अधिकारियों का कहना है कि यह हमला लंबे हरे-भरे घास के मैदानों वाली बैसरन घाटी में लगभग तीन बजे हुआ। वहां मौजूद लोगों ने बताया कि हथियारबंद आतंकी बैसरन घाटी के पहाड़ से नीचे उतरे और वहां घुड़सवारी करते हुए टूरिस्टों और पिकनिक मनाते लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग करने लगे। जिसमें कुछ घोड़ों को भी गोलियां लगी हैं।
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अधिकारियों ने आतंकियों की संख्या 5 बताई और वे सैनिक और पुलिस जैसी वर्दी में थे। खबर फैलते ही पाकिस्तान के आतंकी गुट लश्कर-ए-तैबा के मुखौटा संगठन TRF यानी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने हमले की जिम्मेदारी ली है। TRF ने एक पेज के संदेश में यह भी लिखा है कि जम्मू-कश्मीर में गैर स्थानीय लोगों को बसाया जा रहा है। यहां अवैध रूप से बसने की कोशिश करने वाले बाहरी लोगों के खिलाफ ऐसे ही हिंसा की जाएगी।
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हमले के तुरंत बाद जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया। सेना ने इस इलाके में आतंकवादियों के खिलाफ अभियान चलाया है। सेना के उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल सुचिन्द्र कुमार इस आतंकवादी हमले के बाद दिल्ली से जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर पहुंच चुके हैं।
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