Jagannath Rath Yatra: भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा शुरू, आस्था और उत्साह के साथ उमड़े लाखों भक्त

पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा आज से शुरू हो चुकी है, जो 12 दिनों तक चलेगी। क्या इस बार कोई चमत्कार होगा? जानिए इस पवित्र उत्सव की पूरी कहानी

Updated : 27 June 2025, 4:20 PM IST
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नई दिल्ली: पुरी, ओडिशा की पावन धरती पर आज से भगवान जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा का शुभारंभ हो गया है, जो हर साल की तरह इस बार भी लाखों भक्तों के लिए आस्था और उत्साह का केंद्र बना है। यह भव्य यात्रा जगन्नाथ मंदिर से शुरू होकर गुंडिचा मंदिर तक जाएगी, जहां भगवान जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ अपनी मौसी के घर "विराजमान" होंगे। लेकिन क्या इस बार यह यात्रा कुछ अनोखा लेकर आएगी? क्या भगवान जगन्नाथ अपने भक्तों के लिए कोई चमत्कार दिखाएंगे? यह सवाल हर भक्त के मन में कौंध रहा है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, रथ यात्रा से एक दिन पहले, हजारों भक्तों ने मंदिर के सिंह द्वार पर उमड़कर भगवान बलभद्र, सुभद्रा और जगन्नाथ के नबजौबन दर्शन किए। इस खास अवसर पर भगवान युवा रूप में नजर आए, जो उनके कायाकल्प का प्रतीक है। यह अनुष्ठान, जिसे नेत्र उत्सव भी कहा जाता है, मूर्तियों की आंखों को रंगने की रस्म के साथ मनाया जाता है। लेकिन रहस्य यहीं खत्म नहीं होता! स्नान अनुष्ठान के बाद भगवान 15 दिनों तक अनासर घर में "संगरोध" में रहते हैं, क्योंकि मान्यता है कि स्नान के बाद वे बीमार पड़ते हैं।

Rath Yatra of Lord Jagannath

भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा

बारह दिन तक चलेगा आयोजन

इस रथ यात्रा का आयोजन 12 दिनों तक चलेगा और 8 जुलाई को नीलाद्रि विजय के साथ समाप्त होगा, जब भगवान अपने मूल मंदिर में लौटेंगे। इस दौरान, तीन विशाल रथ, तालध्वज (बलभद्र), देवदलन (सुभद्रा) और नंदीघोष (जगन्नाथ) तैयार हैं जिन्हें आज ग्रैंड रोड पर भक्तों द्वारा खींचा जा रहा है। इस दौरान पुरी के राजा द्वारा ‘छेरा पन्हारा’ रस्म, जिसमें वे सोने की झाड़ू से रथ का चबूतरा साफ करते हैं, भक्तों में जोश भर देती है।

Rath Yatra of Lord Jagannath

भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा

बता दें कि प्रशासन ने इस भव्य आयोजन के लिए कड़े इंतजाम किए हैं। ADG ट्रैफिक दयाल गंगवार ने बताया कि AI आधारित CCTV निगरानी और ड्रोन के जरिए ट्रैफिक और सुरक्षा पर नजर रखी जाएगी। एकीकृत कमांड सेंटर और वॉर रूम भी स्थापित किया गया है। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और राज्यपाल डॉ. हरि बाबू कंभमपति ने भक्तों को शुभकामनाएं दी हैं।

रथ यात्रा का शेड्यूल

27 जून: रथ यात्रा शुरू, भगवान गुंडिचा मंदिर की ओर प्रस्थान।
1 जुलाई: हेरा पंचमी, देवी लक्ष्मी का भगवान से मिलन।
4 जुलाई: संध्या दर्शन, विशेष दर्शन का अवसर।
5 जुलाई: बहुदा यात्रा, भगवान की वापसी।
6 जुलाई: सुना बेशा, स्वर्ण श्रृंगार।
7 जुलाई: अधरा पना, विशेष भोग।
8 जुलाई:नीलाद्रि विजय, मंदिर में वापसी।

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