Indian Air Force : शाहजंहापुर में आंधी-तूफान के बीच एक्सप्रेसवे पर उतरे लड़ाकू विमान, पहली बार नाइट लैंडिंग ट्रायल

आंधी-तूफान जैसी चुनौतीपूर्ण स्थिति के बीच भारतीय वायुसेना ने अद्भुत साहस और तैयारी का परिचय देते हुए गंगा एक्सप्रेसवे पर लड़ाकू विमानों की लैंडिंग कराई। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट

Post Published By: Jaya Pandey
Updated : 2 May 2025, 2:59 PM IST
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शाहजहांपुर: उत्तर प्रदेश में मौसम की आंधी-तूफान जैसी चुनौतीपूर्ण स्थिति के बीच भारतीय वायुसेना ने अद्भुत साहस और तैयारी का परिचय देते हुए गंगा एक्सप्रेसवे पर लड़ाकू विमानों की लैंडिंग कराई। यह पहला मौका है जब राफेल, जगुआर, सुखोई और सी-130 जे हरक्यूलिस जैसे अत्याधुनिक विमानों ने किसी हाईवे पर युद्धाभ्यास के तहत लैंडिंग और टेकऑफ किया।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार, इस अभ्यास को और भी ऐतिहासिक बनाने के लिए भारतीय वायुसेना पहली बार नाइट लैंडिंग ट्रायल भी करने जा रही है। गंगा एक्सप्रेसवे पर सुबह से ही सुरक्षा बलों की तैनाती और प्रशासन की सक्रियता दिखने लगी थी। शाहजहांपुर जिले के पास 3.7 किलोमीटर लंबा विशेष स्ट्रिप रनवे तैयार किया गया था, जहां लड़ाकू विमान एक के बाद एक आसमान को चीरते हुए उतरे और उड़ान भरी।

खराब मौसम के बावजूद ऑपरेशन को दिया अंजाम

तेज हवा और बदलते मौसम के बावजूद भारतीय वायुसेना के पायलटों ने जिस कुशलता से ऑपरेशन को अंजाम दिया साथ ही वह उनकी ट्रेनिंग और तत्परता का भी परिचय दिया है। राफेल जैसे एडवांस फाइटर जेट्स की लैंडिंग और टेकऑफ ने लोगों का ध्यान खींचा, तो वहीं जगुआर और सुखोई-30 एमकेआई जैसे विमान भी गरजते हुए आसमान में ताकत का प्रदर्शन करते दिखे। इसके अलावा सी-130 जे हरक्यूलिस ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट ने विशेष बलों की लैंडिंग और सप्लाई ड्रॉपिंग का ट्रायल भी किया।

कल शाम को भी होगा फाइटर प्लेन एयर शो

शाम को 3 घंटे का नाइट लैंडिंग शो होगा, जो शाम 7 बजे से शुरू होकर रात 10 बजे तक चलेगा। शनिवार को भी दिन में फाइटर प्लेन एयर शो करेंगे। गंगा एक्सप्रेस-वे यूपी का चौथा ऐसा एक्सप्रेस-वे है, जिसमें हवाई पट्टी है। यह रात में लैंडिंग की क्षमता वाला देश का पहला एक्सप्रेस-वे है। गंगा एक्सप्रेस-वे 36,230 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जा रहा है। यह 594 किलोमीटर लंबा है, जो मेरठ से प्रयागराज तक बन रहा है।

युद्धाभ्यास भारतीय वायुसेना की रणनीतिक क्षमता

भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि यह अभ्यास आपात स्थिति में हाईवे जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर के सैन्य इस्तेमाल की क्षमता को परखने के लिए किया गया है। युद्ध या प्राकृतिक आपदा के दौरान जब नियमित एयरबेस काम न करें, ऐसे में ये एक्सप्रेसवे वैकल्पिक रनवे के रूप में इस्तेमाल हो सकते हैं। यह ऐतिहासिक युद्धाभ्यास भारतीय वायुसेना की रणनीतिक क्षमता को दर्शाता है और यह भी साबित करता है कि भारत अब किसी भी चुनौती के लिए हर मोर्चे पर तैयार है – चाहे दिन हो या रात, चाहे मौसम कैसा भी हो।

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