

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान परियोजना एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट के निष्पादन मॉडल को मंजूरी दे दी है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (सोर्स-इंटरनेट)
नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान परियोजना – एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के निष्पादन मॉडल को मंजूरी दे दी है। यह भारत के एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है। इस परियोजना को एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) के नेतृत्व में उद्योग साझेदारी मॉडल के तहत लागू किया जाएगा।
कैबिनेट समिति (CCS) से मंजूरी
एएमसीए परियोजना को मार्च 2024 में सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (CCS) से मंजूरी प्राप्त हुई थी, जिसकी अनुमानित लागत करीब ₹15,000 करोड़ है। यह एक दोहरे इंजन वाला स्टील्थ लड़ाकू विमान होगा, जिसकी डिजाइन तैयार की जा चुकी है। पहला प्रोटोटाइप 2028-29 तक विकसित किए जाने की योजना है, जबकि उत्पादन 2032-33 से शुरू होने की उम्मीद है। इसे 2034 तक भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल करने का लक्ष्य है।
भारतीय कानूनों के अंतर्गत पंजीकृत
रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि निष्पादन मॉडल प्रतिस्पर्धात्मक प्रक्रिया के आधार पर निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों को समान अवसर प्रदान करता है। इच्छुक कंपनियां स्वतंत्र रूप से, संयुक्त उद्यम या संघ के रूप में इस परियोजना में भाग ले सकती हैं, बशर्ते वे भारतीय कानूनों के अंतर्गत पंजीकृत हों। एडीए शीघ्र ही विकास चरण के लिए रुचि की अभिव्यक्ति (EOI) जारी करेगा।
एएमसीए की विशेषताएं
एएमसीए में कई उन्नत विशेषताएं शामिल होंगी जैसे कि डायवर्टरलेस सुपरसोनिक इनटेक और आंतरिक हथियार बे। इसे 1,500 किलोग्राम आंतरिक पेलोड, 5,500 किलोग्राम बाहरी पेलोड और 6,500 किलोग्राम आंतरिक ईंधन वहन करने की क्षमता के साथ डिजाइन किया गया है। यह भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी करेगा।
दो चरणों में पूरी होगी योजना
परियोजना को दो चरणों में पूरा करने की योजना है। पहले चरण में एमके-1 संस्करण जनरल इलेक्ट्रिक के एफ-414 इंजन पर आधारित होगा, जबकि दूसरे चरण में एमके-2 संस्करण के लिए एक अधिक शक्तिशाली इंजन फ्रांस के साथ साझेदारी में सह-विकसित किया जाएगा। एफ-414 इंजन पहले ही भारत के एलसीए-एमके2 को शक्ति देने के लिए चुना जा चुका है और इसका लाइसेंस निर्माण एचएएल द्वारा किया जाएगा।
चीन और पाकिस्तान की बढ़ती सैन्य क्षमताओं को देखते हुए एएमसीए की आवश्यकता और भी महत्वपूर्ण हो गई है। चीन ने पहले ही जे-20 जैसे उन्नत लड़ाकू विमानों को तैनात कर दिया है और पाकिस्तान को जे-35 की आपूर्ति की तैयारी कर रहा है। ऐसे में एएमसीए भारतीय वायुसेना को तकनीकी बढ़त दिलाने में सहायक सिद्ध होगा।