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अब तक भगवानों के नाम पर कितने ऑपरेशन चला चुकी है भारतीय सेना? जानिये क्या है इसके पीछे का लॉजिक

भारतीय सेना ने समय-समय पर कई सैन्य और राहत अभियानों को अंजाम दिया है जिनके नाम हिंदू देवी-देवताओं पर रखे गए हैं। जानिए ऑपरेशन महादेव, ब्रह्मा, देवी शक्ति, सिंदूर, गंगा और दुर्गा जैसे अभियानों की कहानी और इन नामों के पीछे का सच।
Post Published By: Nidhi Kushwaha
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अब तक भगवानों के नाम पर कितने ऑपरेशन चला चुकी है भारतीय सेना? जानिये क्या है इसके पीछे का लॉजिक

New Delhi: भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियों ने बीते वर्षों में कई ऐसे सैन्य और राहत अभियान चलाए हैं जिनके नाम हिंदू धर्म के देवी-देवताओं के नाम पर रखे गए। इन ऑपरेशनों के नाम महज प्रतीक नहीं हैं, बल्कि इनमें एक गहरी सांस्कृतिक और भावनात्मक शक्ति भी जुड़ी होती है। चाहे आतंकवाद से लड़ाई हो या विदेशों से अपने नागरिकों को बचाने का मिशन, हर अभियान के नाम के पीछे एक मजबूत संदेश और भावना छिपी होती है।

ऑपरेशन महादेव

बता दें कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले में 26 हिंदू तीर्थयात्रियों की हत्या के बाद भारतीय सुरक्षा बलों ने जिस ऑपरेशन को अंजाम दिया, उसका नाम ‘ऑपरेशन महादेव’ रखा गया। श्रीनगर की जबरवन रेंज में स्थित महादेव चोटी के पास छिपे आतंकियों को ढूंढ निकालना इस मिशन का लक्ष्य था। इसमें तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया, जिनमें दो हमले के मुख्य साजिशकर्ता थे। इस नाम के माध्यम से सुरक्षा बलों ने स्पष्ट संदेश दिया कि भगवान शिव के नाम पर चलाया गया यह अभियान आतंक के अंत का प्रतीक है।

भारतीय सेना (Img: Google)

‘ऑपरेशन महादेव’ केवल एक नाम नहीं, बल्कि एक प्रतीक है। यह कोड नेम श्रीनगर के न्यू थीड क्षेत्र के पास स्थित प्रसिद्ध ‘महादेव पीक’ (महादेव चोटी) से प्रेरित है, जो जबरवान पर्वतमाला का हिस्सा है।
महादेव चोटी सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ऊंचाई पर स्थित होने के कारण लिडवास और मुलनार जैसे संवेदनशील क्षेत्रों पर निगरानी रखने की उपयुक्त स्थिति प्रदान करती है।

वहीं ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम प्रतीक रहा महिलाओं की मांग में लगे सिंदूर का, जिसे पहलगाम हमले में उजाड़ने की कोशिश की गई थी। सुरक्षा बलों ने इस मिशन के तहत आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त कर यह स्पष्ट किया कि महिलाओं के सम्मान के खिलाफ कोई भी हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

ऑपरेशन ब्रह्मा

मार्च 2025 में म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप के बाद भारत ने ऑपरेशन ब्रह्मा चलाया। सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा के नाम पर इस अभियान की शुरुआत की गई, जिसमें भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने मिलकर मानवीय सहायता पहुंचाई। म्यांमार के यू हला थीन मठ में फंसे 170 भिक्षुओं को सुरक्षित बाहर निकाला गया। साथ ही राहत सामग्री और चिकित्सा सहायता भी उपलब्ध कराई गई।

भारतीय सेना (Img: Google)

भारत ने म्यांमार को प्राकृतिक आपदा के बाद पुनर्निर्माण में सहायता देने के लिए “ऑपरेशन ब्रह्मा” शुरू किया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि ब्रह्मा सृजन के देवता हैं, इसलिए इस मानवीय मिशन को यही नाम दिया गया।

ऑपरेशन देवी शक्ति

2021 में तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद भारत ने ऑपरेशन देवी शक्ति के तहत अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने का कार्य शुरू किया। भारतीय वायुसेना की मदद से 800 से अधिक भारतीयों को अफगानिस्तान से सुरक्षित लाया गया। देवी शक्ति का नाम इस ऑपरेशन में रक्षा और शक्ति के संकल्प का प्रतीक था।

भारत सरकार ने अफगानिस्तान में तालिबान के खतरे से बेगुनाह नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए “ऑपरेशन देवी शक्ति” शुरू किया। विदेश मंत्रालय के अनुसार, मां दुर्गा की तरह जो राक्षसों से निर्दोषों की रक्षा करती हैं, यह अभियान भी उसी भावना को दर्शाता है। भारत ने कई नागरिकों को सुरक्षित निकाल कर मानवता और साहस का परिचय दिया।

ऑपरेशन गंगा

2022 में यूक्रेन-रूस युद्ध के दौरान भारत सरकार ने ऑपरेशन गंगा की शुरुआत की। गंगा नदी को भारत में देवी का दर्जा प्राप्त है और इस ऑपरेशन के जरिए लगभग 20,000 भारतीय नागरिकों, विशेषकर छात्रों, को युद्धग्रस्त क्षेत्र से सुरक्षित बाहर निकाला गया। यह मिशन भारत की विदेश नीति, मानवीय सेवा और संवेदनशीलता का परिचायक बना।

भारतीय सेना (Img: Google)

ऑपरेशन दुर्गा

हरियाणा सरकार द्वारा 2017 में शुरू किया गया ऑपरेशन दुर्गा एक साहसी कदम था। इसका उद्देश्य था महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और उत्पीड़न करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना। यह नाम देवी दुर्गा से प्रेरित था, जो बुराई के विनाश की प्रतीक हैं

सेना द्वारा चलाए गए अन्य ऑपरेशन

भारत ने अपने सैन्य इतिहास में कई ऐसे ऑपरेशन किए हैं, जिन्होंने न सिर्फ पाकिस्तान को सबक सिखाया, बल्कि दुनिया भर में भारत की सैन्य क्षमता और रणनीतिक समझ को भी स्थापित किया।

ऑपरेशन सिंदूर

ऑपरेशन सिंदूर (2025) में भारत ने पाकिस्तान और PoJK स्थित 9 आतंकी ठिकानों को बिना नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किए निशाना बनाया। मिसाइल, ड्रोन और आधुनिक बमों का प्रयोग कर भारत ने आतंक के अड्डों को पूरी तरह तबाह कर दिया। अजहर मसूद के परिवार के 10 सदस्यों समेत कुल 14 आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि खुद पाकिस्तान ने की है।

भारतीय सेना (Img: Google)

ऑपरेशन रिडल और ऑपरेशन एब्लेज

इतिहास में झांकें तो 1965 में पाकिस्तान की घुसपैठ का जवाब भारत ने ऑपरेशन रिडल और ऑपरेशन एब्लेज से दिया था। इसके बाद 1971 के युद्ध में ऑपरेशन कैक्टस लिली, ट्राइडेंट और पाइथन ने पाकिस्तान की कमर तोड़ दी और बांग्लादेश का जन्म हुआ।

ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन विजय और सफेद सागर

1984 में सियाचिन में सामरिक बढ़त हासिल करने के लिए ऑपरेशन मेघदूत शुरू किया गया। वहीं 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान ऑपरेशन विजय और सफेद सागर ने भारतीय सेना की वीरता को फिर से साबित किया।

ऑपरेशन बंदर

2016 में उरी हमले के जवाब में भारत ने पहली बार PoJK में सर्जिकल स्ट्राइक की। इसके बाद 2019 में पुलवामा हमले के बाद ऑपरेशन बंदर के तहत बालाकोट में एयरस्ट्राइक की गई।

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