Haryana Professor Case: प्रोफेसर अली खान की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा, जानिए पूरा अपडेट

अली खान महमूदाबाद की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई को हरी झंडी दे दी है। इस मामले की पूरी जानकारी के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट

Post Published By: Jaya Pandey
Updated : 19 May 2025, 2:22 PM IST
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अशोका यूनिवर्सिटी के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की उस याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताई है, जिसमें उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' से जुड़ी सोशल मीडिया पर की गई गिरफ्तारी को चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट की यह खबर प्रोफेसर अली के लिए राहत देने वाली है। चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की दलीलों को सुनने के बाद इस मामले को 20 या 21 मई को सूचीबद्ध करने की बात कही है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, प्रोफेसर महमूदाबाद को वर्तमान में 20 मई तक पुलिस हिरासत में रखा गया है। कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से मामले की तात्कालिक सुनवाई की अपील की थी और कहा कि उनके मुवक्किल के मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि प्रोफेसर ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अपने अधिकार का प्रयोग किया है और उनके बयान का गलत अर्थ निकाला गया है।

प्रोफेसर के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज

हरियाणा पुलिस ने बताया कि सोनीपत के राई थाना क्षेत्र में प्रोफेसर के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। एक शिकायत हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया ने की है जबकि दूसरी शिकायत एक गांव के सरपंच द्वारा दर्ज कराई गई है। पुलिस उपायुक्त नरेंद्र कादयान ने बताया कि मामले की जांच जारी है और कानून के अनुसार कार्रवाई की जा रही है।

सभी की नजरें सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर

इस पूरे मामले ने शिक्षा जगत में हलचल पैदा कर दी है और कई अकादमिक समूहों ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया है। अब सभी की नजरें सुप्रीम कोर्ट की आगामी सुनवाई पर टिकी हैं, जहां यह तय होगा कि प्रोफेसर महमूदाबाद की गिरफ्तारी को वैधानिक रूप से उचित ठहराया जा सकता है या नहीं।

क्या है पूरा मामला ?

एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद ने कर्नल कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह की मीडिया ब्रीफिंग को “दिखावटी” करार दिया था। उन्होंने कहा था कि ऐसा प्रदर्शन केवल प्रतीकात्मक नहीं होना चाहिए, बल्कि इसे जमीनी हकीकत में भी तब्दील किया जाना चाहिए, अन्यथा यह सिर्फ एक पाखंड बनकर रह जाएगा। इस टिप्पणी को लेकर हरियाणा राज्य महिला आयोग ने आपत्ति जताई है। आयोग ने कहा कि महमूदाबाद की बातों की प्रारंभिक जांच से यह प्रतीत होता है कि उन्होंने कर्नल कुरैशी और विंग कमांडर सिंह जैसी महिला सैन्य अधिकारियों का अपमान किया है और भारतीय सशस्त्र बलों में उनकी पेशेवर भूमिका को कमतर आंकने की कोशिश की है। आयोग ने इसे गंभीर मुद्दा मानते हुए इस पर कार्रवाई की मांग की है

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