

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने खाताधारों को मिलने वाली व्याज दर पर फैसला किया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
सरकार ने ईपीएफ ब्याज दर पर लगाई मुहर
नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने खाताधारकों के पीएफ खाते में जमा राशि पर मिलने वाले ब्याज दर पर फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि के खाते में जमा राशि पर 8.25% की ब्याज दर को मंजूरी दे दी है। यह फैसला उन 7 करोड़ से अधिक कर्मचारियों के लिए झटका है, जो ब्याज दर में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे थे।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अब ईपीएफओ ग्राहकों के खातों में 8.25% की ब्याज दर के हिसाब से ब्याज जमा करेगा।
गौरतलब है कि इससे पहले कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी ने 28 फरवरी को मीटिंग में ब्याज दर को 8.25% बरकरार रखने का फैसला किया था।
बता दें कि इससे पहले वित्त-वर्ष 2023-24 के लिए ब्याज दर को 8.15% से 0.10% बढ़ाकर 8.25% किया गया था। वहीं 2022-23 में 8.10% से 0.05% बढ़ाकर 8.15% किया गया था।
जानकारी के अनुसार ईपीएफओ एक्ट के तहत कर्मचारी की बेसिक सैलरी+महंगाई भत्ता का 12 फीसदी पीएफ अकाउंट में जाता है। वहीं, कंपनी भी कर्मचारी की बेसिक सैलरी+महंगाई भत्ता का 12 फीसदी जमा करती है।
कंपनी के 12 फीसदी हिस्से में से 3.67% पीएफ अकाउंट में जाता है और बाकी 8.33 फीसदी पेंशन स्कीम में जाता है। वहीं कर्मचारी के हिस्से का सारा पैसा पीएफ अकाउंट में जाता है।
ईपीएफ ब्याज दर कम होने का असर
पिछले कुछ सालों में ईपीएफ ब्याज दर में गिरावट आई है, जिससे कई कर्मचारियों को रिटायरमेंट बचत पर कम रिटर्न मिला है। ईपीएफ एक दीर्घकालिक बचत विकल्प है, जहां कर्मचारियों की सैलरी का एक हिस्सा जमा होता है और कंपनी भी उसमें योगदान देती है। लेकिन ब्याज दर घटने से रिटर्न पर असर पड़ता है।
ऐसे तय होती है ईपीएफ ब्याज दर
ईपीएफओ की सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (सीबीटी) ब्याज दर पर फैसला करती है और फिर इसे वित्त मंत्रालय के पास मंजूरी के लिए भेजा जाता है। जब सरकार इस पर सहमति दे देती है, तब यह ब्याज ईपीएफओ ग्राहकों के खातों में जमा किया जाता है।
ईपीएफ से जुड़ी अहम बातें
• ईपीएफ पर ब्याज दर हर साल बदली जाती है।
• सरकार की मंजूरी के बाद ही ब्याज खातों में जोड़ा जाता है।
• ईपीएफ का पैसा सुरक्षित निवेश ऑप्शन माना जाता है।
• ईपीएफ धनराशि चेक करने के लिए UMANG ऐप या ईपीएफओ की वेबसाइट का इस्तेमाल कर सकते हैं।