प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने की बड़ी कार्रवाई: बिहार-झारखंड में ED का बड़ा एक्शन, जानें क्या था पूरा मामला

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झारखंड और बिहार में 16 ठिकानों पर छापेमारी की है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 22 April 2025, 7:08 AM IST
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नई दिल्ली: बोकारो के टेटुलिया गांव में 103 एकड़ संरक्षित वन भूमि की धोखाधड़ी से बिक्री के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई की है। ED की टीमों ने झारखंड और बिहार में एक साथ 16 ठिकानों पर छापेमारी की।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले के तहत की गई है, जिसमें कई व्यक्तियों की मिलीभगत से वन भूमि की अवैध बिक्री की गई थी।

क्या है मामला?

मामला बोकारो जिले के टेटुलिया गांव में 103 एकड़ संरक्षित वन भूमि के धोखाधड़ी से बिक्री का है। आरोप है कि कुछ जमीन माफियाओं ने स्थानीय अधिकारियों और बोकारो स्टील प्लांट के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से इस भूमि को फर्जी दस्तावेजों के जरिए बेच दिया। यह भूमि दरअसल बोकारो स्टील प्लांट को वापस करने के लिए थी, लेकिन कुछ रसूखदार व्यक्तियों ने मिलकर इसे गलत तरीके से बेच दिया और सरकारी संपत्ति का अनुशासनहीन तरीके से शोषण किया।

इस घोटाले में फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया, और इसमें कथित तौर पर बोकारो स्टील प्लांट के कुछ कर्मचारी भी शामिल थे, जिन्होंने इस धोखाधड़ी को अंजाम देने में मदद की। यह भूमि, जो संरक्षित वन क्षेत्र का हिस्सा थी, को अवैध रूप से बिक्री के लिए ले जाया गया, जिससे न केवल सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा बल्कि स्थानीय समुदाय और पर्यावरण को भी भारी हानि हुई।

कौन थे इसमें शामिल लोग?

जांच में यह सामने आया कि इसमें कुछ जमीन माफिया, सरकारी अधिकारियों और बोकारो स्टील प्लांट के कर्मचारियों की मिलीभगत थी। इन लोगों ने मिलकर इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया, जिससे राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन को भारी नुकसान हुआ। आरोपियों ने फर्जी दस्तावेज तैयार किए और इनकी मदद से यह भूमि बेची, जबकि यह भूमि वास्तव में वापस बोकारो स्टील प्लांट को लौटानी थी।

जांच की शुरुआत कैसे हुई?

इस घोटाले का खुलासा उस समय हुआ जब फॉरेस्ट गार्ड रुद्र प्रताप सिंह ने इस मामले की शिकायत की। उन्होंने सेक्टर-12 थाने में इस धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसके बाद यह मामला झारखंड CID को सौंपा गया। CID की जांच के बाद यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े अपराधों के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) को सौंपा गया, जो अब इसकी गहरी जांच कर रहा है।

ED की कार्रवाई

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए झारखंड और बिहार के 16 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। छापेमारी के दौरान, अधिकारियों ने कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए हैं, जिनसे इस धोखाधड़ी के नेटवर्क और उसके वित्तीय लेन-देन के बारे में नई जानकारियां मिल सकती हैं। ED का मानना है कि यह मामला बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का है, और इसमें कई उच्च पदस्थ अधिकारियों और रसूखदार व्यक्तियों का हाथ हो सकता है।

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