हिंदी
दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। AQI 370 से 400 के बीच दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में है। इस स्थिति में दिल्ली सरकार स्कूल बंद करने या ऑनलाइन क्लासेस शुरू करने जैसे कदमों पर विचार कर रही है।
दिल्ली-एनसीआर में जहरीली हवा का कहर (सोर्स- गूगल)
New Delhi: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के शहर नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम एक बार फिर खतरनाक प्रदूषण की चपेट में हैं। सोमवार, 10 नवंबर 2025 को दिल्ली का औसत एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) 370 से 390 के बीच दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। जबकि कुछ इलाकों में यह 400 पार पहुंच गया, यानी हवा ‘गंभीर’ श्रेणी में है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह स्तर सांस की बीमारियों, अस्थमा और बच्चों के फेफड़ों के लिए गंभीर खतरा है। पिछले सप्ताह से लगातार बढ़ते धुएं और धूल के कणों ने राजधानी की हवा को दमघोंटू बना दिया है।
प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए दिल्ली सरकार स्कूलों को बंद करने या ऑनलाइन क्लासेस शुरू करने जैसे इमरजेंसी कदम उठाने पर विचार कर रही है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, पिछले वर्षों की तरह इस बार भी AQI के ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंचने के बाद स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया जा सकता है।
सियासत में घुला प्रदूषण: दिल्ली की हवा बनी ‘जहर’ वाली, इंडिया गेट पर प्रदर्शन से मचा हंगामा
इन छुट्टियों के दौरान स्कूलों को सिलेबस पूरा करने के लिए ऑनलाइन क्लासेस आयोजित करने के निर्देश दिए जा सकते हैं। सरकार चाहती है कि बच्चों को जहरीली हवा से बचाया जाए, ताकि वे घर में सुरक्षित रह सकें।
कमीशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट (CAQM) के तहत लागू ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के नियमों के अनुसार, जब AQI ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंचता है, तो निर्माण कार्यों पर रोक, स्कूल बंदी और वाहनों की आवाजाही पर पाबंदियां लगाई जाती हैं।
वर्तमान स्थिति में दिल्ली और एनसीआर के अधिकांश इलाके GRAP-4 स्तर के तहत आ गए हैं, जिसमें स्कूल बंदी और कार्यालयों को वर्क फ्रॉम होम की सलाह दी जा सकती है।
दिल्ली में हवा फिर ‘गंभीर’ श्रेणी में (सोर्स- गूगल)
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह हवा बच्चों और बुजुर्गों के लिए सबसे अधिक नुकसानदायक है। बच्चों के फेफड़े पूरी तरह विकसित नहीं होते, इसलिए जहरीली हवा के संपर्क में आने से उन्हें लंबे समय तक सांस की बीमारियों का खतरा बना रहता है।
साथ ही, जिन लोगों को पहले से अस्थमा या फेफड़ों से जुड़ी बीमारी है, उनके लिए यह स्थिति और भी खतरनाक हो सकती है।
1. घर के अंदर रहें:
सुबह और शाम के समय बच्चों को घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए। अगर जरूरी हो, तो बाहर जाते समय N-95 या N-99 मास्क पहनें।
2. आउटडोर गेम्स से परहेज करें:
स्कूल या ट्यूशन जाने वाले बच्चों को बाहरी खेलकूद या दौड़ जैसी गतिविधियों से फिलहाल बचना चाहिए।
3. हाइड्रेटेड रहें:
दिनभर में पर्याप्त पानी पीएं ताकि शरीर में मौजूद विषैले तत्व बाहर निकल सकें।
4. डॉक्टर की सलाह लें:
आंखों में जलन, गले में दर्द या सांस लेने में तकलीफ महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें।
5. एयर प्यूरिफायर का प्रयोग करें:
घरों और क्लासरूम में एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करने से इनडोर वायु गुणवत्ता में सुधार लाया जा सकता है।
Weather Update: दिल्ली-NCR में बदला मौसम, बारिश से घटी प्रदूषण की मार; क्या अब बढ़ेगी सर्दी
सरकार के साथ-साथ नागरिकों की भी जिम्मेदारी है कि वे इस संकट में अपना योगदान दें। वाहनों का कम इस्तेमाल करें, साझा परिवहन अपनाएं, कूड़ा न जलाएं, और पर्यावरण के अनुकूल आदतें अपनाएं। छोटे-छोटे प्रयास भी वायु प्रदूषण को कम करने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।