

सी.पी. राधाकृष्णन ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली। वे भारत के 15वें उपराष्ट्रपति बने। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
सी.पी. राधाकृष्णन बने भारत के 15वें उपराष्ट्रपति
New Delhi: सी.पी. राधाकृष्णन ने शुक्रवार को भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के तौर पर राष्ट्रपति भवन में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें उपराष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनकी कैबिनेट के कई बड़े मंत्री उपस्थित रहे। साथ ही बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता भी इस अवसर पर मौजूद थे।
उपराष्ट्रपति चुनाव में सीपी राधाकृष्णन ने इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को बड़े अंतर से हराया। मंगलवार को हुए मतदान में राधाकृष्णन को 452 प्रथम वरीयता मत प्राप्त हुए, जबकि सुदर्शन रेड्डी को 300 प्रथम वरीयता मत मिले। निर्वाचन अधिकारी पी.सी. मोदी ने नतीजों की घोषणा करते हुए बताया कि कुल मतदाताओं में से 767 ने मतदान किया। राधाकृष्णन ने 152 मतों के अंतर से जीत हासिल की।
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वोटिंग समाप्त होने के बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया कि विपक्ष पूरी तरह एकजुट रहा और उसके सभी 315 सांसदों ने मतदान में हिस्सा लिया। लेकिन चुनाव नतीजे में 15 वोट अमान्य पाए गए। निर्वाचन प्रक्रिया में अमान्य वोट अक्सर तब होते हैं जब कोई सांसद दूसरे पेन या गलत तरीके से वोट डालता है। इससे यह सवाल उठता है कि विपक्ष के 15 वोट कहां खिसक गए। उल्लेखनीय है कि 2017 में 11 और 2022 में 15 वोट अमान्य पाए गए थे।
सीपी राधाकृष्णन की जीत एनडीए के लिए एक बड़ी राजनीतिक सफलता मानी जा रही है। यह उपराष्ट्रपति पद पर एनडीए की मजबूती और राज्यसभा में प्रभाव बढ़ाने का संकेत भी देती है। विपक्ष की एकजुटता और फिर भी हुए मतों का अंतर राजनीतिक विश्लेषकों के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है।
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राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में सभी नेताओं ने राधाकृष्णन को बधाई दी और उपराष्ट्रपति पद की गरिमा और जिम्मेदारी के महत्व को रेखांकित किया। शपथ ग्रहण के साथ ही राधाकृष्णन ने नए पद पर अपने कार्यकाल की शुरुआत कर दी। सीपी राधाकृष्णन का चुनाव और शपथ ग्रहण भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना है, जो उपराष्ट्रपति पद पर स्थिरता और नेतृत्व प्रदान करेगा।