

मध्य प्रदेश पुलिस ने Coldrif कफ सिरप के मालिक रंगनाथन गोविंदन को गिरफ्तार कर लिया है, जो बच्चों की मौत के मामले में आरोपी था। पुलिस ने उसे चेन्नई से पकड़ा और छिंदवाड़ा में उसकी गिरफ्तारी पर 20,000 रुपये का इनाम घोषित किया था।
Coldriif कफ सिरप के मालिक गिरफ्तार
Bhopal: मध्य प्रदेश पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए Coldrif कफ सिरप के मालिक रंगनाथन गोविंदन को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी चेन्नई से हुई और इसे कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
पिछले कुछ महीनों में इस जहरीली दवा के कारण कई बच्चों की जान जा चुकी थी, जिसके बाद पुलिस ने रंगनाथन गोविंदन की तलाश शुरू कर दी थी। इस मामले में रंगराजन पर गंभीर आरोप लगे हैं और छिंदवाड़ा पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर 20,000 रुपये का इनाम घोषित किया था। Coldrif कफ सिरप पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी तेज हो गई है, जबकि पुलिस इस मामले की जांच आगे बढ़ा रही है।
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दरअसल, छिंदवाड़ा जिले में जहरीले कफ सिरप के सेवन से 20 बच्चों की दुखद मौत के मामले में पुलिस ने ये बड़ा कदम उठाया है। इस गंभीर मामले में मध्य प्रदेश पुलिस ने तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से कफ सिरप निर्माता कंपनी श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स के मालिक रंगनाथन गोविंदन को गिरफ्तार किया। जांच के दौरान यह पाया गया कि इस कफ सिरप में 46.2 प्रतिशत डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) नामक जहरीला रसायन था, जो किडनी फेल होने का प्रमुख कारण बनता है और मानव शरीर के लिए अत्यंत हानिकारक होता है।
मध्य प्रदेश सरकार ने इस मामले की गहन जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। एसआईटी को यह पता लगाने की जिम्मेदारी दी गई है कि आखिर कैसे इतनी बड़ी मात्रा में जहरीला कफ सिरप बाजार में पहुंचा और इसके वितरण में कहां चूक हुई। छिंदवाड़ा पुलिस ने रंगनाथन की गिरफ्तारी पर 20 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। इसके बाद मध्य प्रदेश पुलिस की एक विशेष टीम तमिलनाडु में कई दिनों तक रंगनाथन की तलाश करती रही और अंततः चेन्नई में उसे गिरफ्तार किया।
श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स द्वारा निर्मित यह कफ सिरप बच्चों के लिए सामान्य सर्दी-खांसी के इलाज के रूप में बेचा जा रहा था, लेकिन इसकी जहरीली संरचना ने मासूम बच्चों की जान ले ली। इस घटना ने दवा नियामक प्रणाली में सुधार की आवश्यकता को भी उजागर किया। सरकार ने निर्देश दिया है कि श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स के सभी उत्पादों की तत्काल जांच की जाए और उन्हें बाजार से वापस मंगाया जाए।